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This Article is From Jan 28, 2024

राजस्थान के लिए क्या हैं ERCP MOU पर हस्ताक्षर के मायने, शेखावत बोले 4 दशक तक नहीं होगा जल संकट

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ERCP MOU साइन होने पर खुशी जताते हुए कहा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है.

राजस्थान के लिए क्या हैं ERCP MOU पर हस्ताक्षर के मायने, शेखावत बोले 4 दशक तक नहीं होगा जल संकट
राजस्थान को ईआरसीपी समझौते से क्या मिलेगा फायदा

ERCP MOU Signed: बहुप्रतीक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट (ERCP) पर 28 जनवरी को राजस्थान, मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान (Madhya Pradesh and Rajasthan) के 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है. इस प्रोजेक्ट से दोनों राज्यों में पांच लाख 80 हजार से ज्यादा हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 30-40 साल तक लाखों लोगों को पेयजल की सुविधा स्थाई रूप से मिलने वाली है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शेखावत पिछले लंबे समय से इस परियोजना को मूर्तरूप देने की दिशा में प्रयासरत रहे हैं.

वहीं, सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा, ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी. यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के लोगों के लिए वरदान साबित होगी. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी का नदी से नदी जोड़ने का सपना भी साकार होगा. 

26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन

देर शाम संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी समझौता पत्र हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज निश्चित ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के पानी की कमी वाले 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है. भारत सरकार के लिए भी आज एक अत्यंत सफलता से भरा हुआ दिन है. स्वर्गीय अटल जी के जमाने में सरप्लस बेसिन से डेफिसिट बेसिन में पानी ट्रांसफर किया जा सके और जल संसाधनों का हम संपूर्णता के साथ में उपयोग कर सके, इस दृष्टिकोण से जो विचार बना था, उसे विचार को आगे बढ़ते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल व पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को इंटीग्रेटेड करके एक नई नदी जोड़ने के परियोजना की कल्पना की गई. 

शेखावत ने नेशनल वाटर डेवलपमेंट अथॉरिटी, इंटरलिंक ऑफ रिवर्स की टास्क फोर्स और सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन में बनी कमेटी का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को न केवल नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान में शामिल किया गया, बल्कि प्राथमिकता लिंक के रूप में शामिल किया गया. बहुत कम समय में दोनों राज्यों के बीच में तकनीकी आधार पर सहमति बनाकर आज के इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के कारण बांध और बड़े तालाबों में पानी का संचय किया जाएगा. उसके कारण से आसपास के क्षेत्र की अंडरग्राउंड वाटर टेबल, जो निरंतर घटती जा रही है, उसे वापस ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त होगी. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकर प्रधानमंत्री जी की अपेक्षा के अनुरूप समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं. प्रधानमंत्री जी का निरंतर यह आग्रह रहा है कि हमें अपने जल संसाधनों का सर्वोत्तम और सर्वाधिक उपयोग और उपभोग किस तरह से हो सके, इस दृष्टिकोण से काम करने की आवश्यकता है.

केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश को भी दी बधाई

शेखावत ने मध्य प्रदेश को दी दोहरी बधाई देते हुए कहा कि देश जिन दो इंटरलिंकेज प्रोजेक्ट्स बनाने की दिशा में आगे बढ़ा, दोनों में मध्य प्रदेश एक स्टेक होल्डर है. मोहन यादव जी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो-तीन दिन बाद जब जयपुर के शपथ ग्रहण समारोह में मिले थे, तब मैंने इसे लेकर उनसे चर्चा की थी. उन्होंने कहा था कि एक बार साथ बैठेंगे और एक ही बार में इस काम को पूरा कर देंगे. दोबारा आपको बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

शेखावत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए मध्य प्रदेश के 13 जिलों और राजस्थान के 13 जिलों के एक-एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री जी की तरफ से बधाई दी. समझौता पत्र हस्ताक्षर के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और दोनों राज्यों के अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे.

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