सीएम अशोक गहलोत की सरकार से बर्खास्त मंत्री और उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा विधानसभा चुनाव निकट आते ही अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. पिछले कुछ दिनों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा की शिदे गुट वाली शिव सेना के साथ नजदीकी देखी गई.अब खबर है गुढ़ा ने 9 सितंबर को बेटे के जन्मदिन पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को आमंत्रित किया है.
शिंदे गुट शिव सेना में शामिल हो सकते है गुढ़ा
सियासी हलकों में चर्चा है कि किसी दिन गुढ़ा कांग्रेस छोड़कर शिंदे गुट वाली शिव सेना में शामिल हो सकते है. ऐसे में भाजपा से उदयपुरवाटी सीट खाली करवाकर शिव सेना राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उदयापुरवाटी सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि अभी तक यह सिर्फ सियासी कयास है. इन बातों को हवा तब मिली जब गुढ़ा ने राजपूत समाज को एकजुट करने की कवायद शुरू की.
राजपूत समाज को साधने की कोशिश में हैं गुढ़ा
गुढ़ा आगामी 9 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम में न केवल झुंझुनूं, बल्कि पड़ौसी नीमकाथाना व सीकर जिले के राजपूत बाहुल्य इलाकों में दौरा कर उन्हें न्यौता दे रहे है. इसी क्रम में गुढ़ा झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र के बलौदा के राजपूत समाज को राजनीतिक रूप से जगाने के लिए भाषण दिया था.
गुढ़ा बोले, जाट समाज से हमें सीख लेनी चाहिए
उधर, गुढ़ा जाट समाज को भी साधने में जुटे है. एक कार्यक्रम में गुढ़ा ने कहते है कि प्रत्येक समाज अपने नेता बनाने में जान लगा देते है, लेकिन राजपूतों ने कभी ऐसा नेता बनाया ही नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर जाटों का पहले से कब्जा था. इसके बाद उन्होंने भाजपा में भी अपनी जगह बनाई और इसके बावजूद एक तीसरी पार्टी भी खड़ी कर दी.
कांग्रेस के विधायकों पर गुढ़ा ने मारा ताना
इस मौके पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कांग्रेस के विधायकों पर ताना मारा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 50 फीसदी से ज्यादा विधायक अनुकंपा नियुक्त है. खेतड़ी विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह यदि डॉ. छोगालाल के बेटे नहीं होते तो वे कभी विधायक नहीं बन पाते. गुढ़ा इस बयान से यह बताना चाह रहे थे कि कांग्रेस के जो भी विधायक है. उनमें से 50 फीसदी ऐसे विधायक है जिनके परिवार से कोई ना कोई कभी ना कभी सांसद, विधायक आदि रहा है.
गुढ़ा ने खोली प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ की डायरी
इन दिनों राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने धर्मेंद्र सिंह राठौड़ द्वारा लिखी गई लाल डायरी के कारण खूब चर्चा में है, लेकिन बलौदा में हुए कार्यक्रम में उन्होंने प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ की मन की डायरी भी खोलकर रख दी. उन्होंने कहा कि शेखावाटी (शेखावाटी क्षेत्र चूरू, झुंझुनू ,सीकर तीन जिलों से मिलकर बना है ) में राजपूत नेताओं की स्थिति खराब है, वे हाशिए पर है.
राजेंद्र राठौड़ के शेखावटी छोड़ने की योजना
उन्होंने कहा कि एक दिन राजेंद्र सिंह राठौड़ उनसे कह रहे थे कि चूरू छोड़ना पड़ेगा. जब गुढ़ा ने कारण पूछा तो राठौड़ ने कहा बताया कि अब वो जवानी नहीं रही, चुनाव काफी टफ हो गया है. पिछली बार मुश्किल से 1500-1600 वोटों से जीत दर्ज हुई थी. इसलिए शेखावाटी छोड़ूंगा.