
Annapurna Rasoi Yojana: राजस्थान में नई सरकार की गठन हुई लगभग तीन सप्ताह हो गया. अब प्रदेश में चल रही योजनाओं के रिव्यू की शुरुआत भी शुरू हो गई है. राजस्थान की पूर्व सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया है. बीते दिन जयपुर में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने मुख्यमंत्री भजनलाल ने इसका एलान किया है.
वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान थी अन्नपूर्णा रसोई योजना
दरअसल, बीजेपी की पिछली वसुंधरा राजे सरकार में अन्नपूर्णा रसोई योजना चलाई जाती थी. जिसमें वैन के जरिए गरीब और जरूरतमंदों को नाश्ता और भोजन दिया जाता था. वहीं इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो गहलोत सरकार ने इसका नाम बदलकर इंदिरा रसोई योजना कर दिया. अब फिर वापस सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई कर दिया है.
मोबाइल वैन के जरिए भोजन देती थी बीजेपी सरकार
कांग्रेस सरकार की इंदिरा रसोई योजना के तहत आठ रुपये में भोजना दिया जाता था. इस योजना के जरिए लोगों को बैठाकर भोजन कराया जाता था, जबकि बीजेपी द्वारा चलाई गई अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत वैन के जरिए भोजन दिया जाता था.
गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने पिछली साल बजट घोषणा 2023-24 में इस योजना की लोकप्रियता को देखते हुए ग्रामीण कस्बों में भी विस्तार करते हुए इनकी संख्या बढ़ाकर 2000 करने की घोषणा की थी.
योजना की विशेषताएं कुछ इस प्रकार है-
- लाभार्थी को 8 रुपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन दिया जा रहा है
- सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठाकर भोजन व्यवस्था की गई है.
- राज्य सरकार द्वारा 17 रुपये प्रति थाली अनुदान के साथ दी जा रही है.
- योजना हेतु प्रतिवर्ष 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है.
- स्थानीय संस्थाओं के सेवाभाव एवं सहयोग से रसोईयों का संचालन किया जा रहा है.
- भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और आचार सम्मिलित है.
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