
Rajasthan News: राजस्थान के छोटे से शहर लालसोट में इन दिनों एक बड़ा हंगामा मचा हुआ है. यहां तहसीलदार और वकीलों के बीच एक ऐसा टकराव हुआ है कि मामला थाने-पुलिस और अदालत तक जा पहुंचा है. आलम यह है कि तहसीलदार ने 13 वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी है, जिसके बाद अब पूरा दौसा जिला भी इस विवाद की आग में झुलसने की तैयारी में है.
आधी रात सड़क पर बैठे तहसीलदार
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब लालसोट के तहसीलदार अमितेश मीणा और कुछ वकीलों के बीच बहस हो गई. मामला इतना बढ़ा कि तहसीलदार को अपने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर देर रात करीब 3 घंटे तक धरने पर बैठना पड़ा. यह मंजर देखकर लालसोट में हर कोई हैरान था. एक सरकारी अधिकारी को अपना काम छोड़कर यूं सड़क पर बैठना पड़े, यह अपने आप में ही बताता है कि विवाद कितना गंभीर हो चुका था. मामले को बढ़ता देख, लालसोट थाना पुलिस तुरंत हरकत में आई. तहसीलदार की शिकायत पर आनन-फानन में 13 वकीलों के खिलाफ एक नामजद एफआईआर दर्ज की गई.
FIR में गंभीर आरोप
तहसीलदार अमितेश मीणा ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में वकीलों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वकीलों ने उनके साथ धक्का-मुक्की, मारपीट और राजकार्य में बाधा डाली. यही नहीं, उन्होंने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप भी लगाया है. ये आरोप अगर सही साबित होते हैं, तो यह मामला सिर्फ प्रशासनिक विवाद नहीं, बल्कि एक आपराधिक मामला बन जाएगा, जिसमें वकीलों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
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मामले से जुड़े बड़े सवाल
Q1: लालसोट में तहसीलदार और वकीलों के बीच विवाद क्यों हुआ?
A: यह विवाद तहसीलदार के कथित अभद्र व्यवहार से शुरू हुआ, जिसके बाद वकीलों और उनके बीच बहस और धक्का-मुक्की हुई.
Q2: तहसीलदार ने वकीलों पर क्या आरोप लगाए हैं?
A: तहसीलदार अमितेश मीणा ने 13 वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने मारपीट, राजकार्य में बाधा और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है.
Q3: वकील क्या मांग कर रहे हैं?
A: वकील तहसीलदार अमितेश मीणा के तबादले और सस्पेंशन की मांग कर रहे हैं.
Q4: इस विवाद से आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
A: अगर दौसा जिले के वकील न्यायिक कार्य बहिष्कार करते हैं, तो अदालतों का काम रुक जाएगा, जिससे लोगों के कानूनी और राजस्व संबंधी काम अटक जाएंगे.
Q5: इस मामले की जांच कौन कर रहा है?
A: लालसोट के डिप्टी एसपी दिलीप मीणा इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
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वकीलों ने किया पलटवार
वहीं, दूसरी तरफ वकीलों का कहना है कि तहसीलदार अमितेश मीणा का बर्ताव हमेशा से अभद्र और अड़ियल रहा है. उनका आरोप है कि तहसीलदार ने ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया और अब खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं.
दौसा के वकील एकजुट, मांग रहे सस्पेंशन
लालसोट का यह विवाद अब पूरे दौसा जिले में फैल चुका है. दौसा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट कुंजी बिहारी शर्मा ने साफ कर दिया है कि वे इस पूरे मामले को लेकर एक बैठक करेंगे और अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पहली मांग तहसीलदार अमितेश मीणा का सस्पेंशन होगी. अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो दौसा के वकील न्यायिक कार्य बहिष्कार कर सकते हैं, जिससे अदालतों का कामकाज पूरी तरह ठप हो जाएगा.
डिप्टी एसपी जांच में जुटे
लालसोट के डिप्टी एसपी दिलीप मीणा इस मामले की जांच में जुटे हैं. उनके लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उन्हें दो शक्तिशाली पक्षों के बीच संतुलन बनाकर काम करना है.
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