
Rajasthan News: राजस्थान की दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का 1 मई 2025 को निधन हो गया. 79 वर्षीय गिरिजा व्यास 31 मार्च को उदयपुर में अपने घर में गणगौर पूजा के दौरान आग से झुलस गई थीं. उनकी चुन्नी में दीपक से आग लगी, जिससे वे 90% तक झुलस गईं.
उदयपुर के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके भाई गोपाल शर्मा ने बताया कि वे नियमित पूजा करती थीं और यह हादसा अचानक हुआ.
राजनीतिक योगदान
डॉ. गिरिजा व्यास का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक रहा. 1985 में वे राजस्थान विधानसभा से विधायक बनीं और 1990 तक पर्यटन मंत्री रहीं. 1991, 1996 और 1999 में उदयपुर से लोकसभा सांसद चुनी गईं. उन्होंने नरसिम्हा राव सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री और मनमोहन सिंह की यूपीए-2 सरकार में शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री के रूप में काम किया. 2001-04 तक वे राजस्थान कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं और 2005-11 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रहीं.
शिक्षा और लेखन में योगदान
नाथद्वारा में 8 जुलाई 1946 को जन्मीं गिरिजा व्यास ने दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की. उन्होंने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर में पढ़ाया. कवयित्री और लेखिका के रूप में उन्होंने आठ पुस्तकें लिखीं, जिनमें ‘एहसास के पार' और ‘नॉस्टैल्जिया' शामिल हैं.
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया. उन्होंने कहा, “शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा में उनका योगदान अविस्मरणीय है.” डॉ. गिरिजा व्यास की सादगी, समर्पण और महिला सशक्तिकरण के लिए उनके कार्य हमेशा प्रेरणा देंगे.
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