
Rajasthan News: भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई के नए अध्यक्ष (Rajasthan BJP President) मदन राठौड़ (Madan Rathore) शपथ लेने के बाद से एक्टिव हो गए हैं. अब वे कांग्रेस (Congress) नेताओं के बयानों पर ना सिर्फ पलटवार कर रहे हैं, बल्कि कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर कर उनकी पोल खोलने का काम भी कर रहे हैं. मंगलवार को भी उन्होंने एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर शेयर किया है, जिससे राजस्थान की सियासत गरमा गई है.
'नारीशक्ति के प्रति यह सोच शर्मनाक'
राठौड़ ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'राजस्थान विधानसभा में धरना दे रहे कांग्रेस के विधायक यह कह रहे हैं कि "जिसको बड़ा नेता बनना है, वह पैर दबाएगी"!! नारीशक्ति के प्रति कांग्रेस के नेताओं की यह सोच शर्मनाक और निंदनीय है. लगता है लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ नैतिक मूल्य भी कांग्रेसी विधायक भूल गए हैं.' दरअसल, विधायक मुकेश भाकर के सदन से निलंबित करने के विरोध में कांग्रेस नेताओं का सदन में धरना जारी है. कांग्रेस विधायक विधानसभा में पूरी रात धरने पर बैठे रहे और तालियां बजाते हुए एक सुर में रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम भजन गाते रहे.
राजस्थान विधानसभा में धरना दे रहे कांग्रेस के विधायक यह कह रहे हैं कि "जिसको बड़ा नेता बनना है, वह पैर दबाएगी" !!
— Madan Rathore (@madanrrathore) August 5, 2024
नारीशक्ति के प्रति कांग्रेस के नेताओं की यह सोच शर्मनाक और निंदनीय है।
लगता हैं लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ नैतिक मूल्य भी कांग्रेसी विधायक भूल गए हैं। pic.twitter.com/xLOT28adq6
कैसे शुरू हुआ था पूरा विवाद?
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने लोक अभियोजकों की नियुक्ति का मुद्दा उठाते हुए सदन में कहा था कि, 'देश में CRPC 30 जून को समाप्त हो चुका है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 1 जुलाई से लागू हो चुकी है. लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं, जो CRPC की धारा 24 (2) के तहत किए गए हैं, जबकि यह नियुक्ति BNSS की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी. इस पर सरकार का जवाब आना चाहिए था. संविधान के नियम 256 के तहत राज्य सरकार बाध्य है कि भारत सरकार के कानूनों का पालन करेगी.'
स्पीकर से हो गई तीखी नोकझोक
इसके बाद अध्यक्ष देवनानी ने कहा था कि यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में आ गया है. लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इस पर राज्य सरकार से जवाब की मांग की. मगर, स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया. इसके बाद देवनानी व कांग्रेस विधायक आमने सामने आ गए. कांग्रेस विधायकों की लगातार नारेबाजी के बीच उन्होंने कई बार विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और इस मुद्दे को नियमों के तहत उठाने को कहा. हालांकि कांग्रेस के विधायक नारेबाजी व हंगामा करते रहे.
क्यों हुआ मुकेश भाकर का निलंबन?
तब सरकार की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा, 'मैं प्रस्ताव रखता हूं कि राजस्थान विधानसभा के सदस्य मुकेश भाकर द्वारा आज आसन की तरफ उंगली उठाकर जो अभद्र व्यवहार किया गया है उसके लिए उन्हें वर्तमान सत्र की बैठकों से निलंबित किया जाए.' इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा, 'भाकर को सदन से निलंबित किया जाता है. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. जब कार्यवाही वापस शुरू हुई तो कांग्रेस विधायक वहां मौजूद रहे. उनसे बाहर जाने के लिए कहा गया. मगर वो नहीं गए. इसके बाद मार्शल को उन्हें बाहर निकालने के लिए कहा गया.
सदन में चूड़ियां टूटीं, धरना जारी
कांग्रेस विधायकों ने भाकर को घेरे में ले लिया और मार्शलों को उन्हें बाहर ले जाने से रोका. महिला विधायकों ने आरोप लगाया कि मार्शलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. कांग्रेस विधायक अनीता जाटव ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'महिलाएं सदन में सुरक्षित नहीं हैं. सदन में महिला विधायक के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है तो आम महिला का क्या होगा? मार्शलों ने मेरी चूड़ियां तोड़ दीं.' वहीं नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा, 'राजस्थान की जनता ने उन्हें सेवा करने के लिए चुना है, लेकिन यहां वे (भाजपा विधायक) कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे हैं. हम सदन में बैठे हैं और धरना दे रहे हैं.'
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