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राजस्थान हाई कोर्ट ने RPSC को क्यों कहा 'फेल', क्या पिछले 5 साल की भर्तियों पर लटकेगी तलवार?

हाई कोर्ट द्वारा RPSC पर किए गए सवाल से कई आशंकाओं को जन्म दे दिया है. क्योंकि 2021 के बाद से कई भर्ती परीक्षाएं कराई गई है और कई भर्तियों में भी धांधली सामने आ रही है.

राजस्थान हाई कोर्ट ने RPSC को क्यों कहा 'फेल', क्या पिछले 5 साल की भर्तियों पर लटकेगी तलवार?
SI भर्ती परीक्षा को लेकर RPSC पर HC की तीखी टिप्पणी

Rajasthan High Court on RPSC: राजस्थान हाई कोर्ट ने SI भर्ती परीक्षा 2021 (SI Exam 2021) को रद्द कर दिया है. 859 पदों पर सब इंस्पेक्टर पोस्ट की भर्ती को राजस्थान हाई कोर्ट ने एक झटके में रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब भर्ती हुए उम्मीदवारों का करियर भी दांव पर लग गया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो इमानदारी से SI नियुक्त हुए थे, उनके साथ अन्याय क्यों. वहीं राजस्थान हाई कोर्ट ने SI भर्ती मामले में RPSC की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े किये हैं. वहीं कोर्ट ने RPSC के खिलाफ न केवल सवाल किये हैं बल्कि सख्त टिप्पणी की है.

बता दें, RPSC को भंग करने की मांग काफी समय से उठ रही है. आरपीएससी की कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में हाई कोर्ट की टिप्पणी नए मुद्दे खड़े कर सकती है. साथ ही पिछले 5 सालों की भर्तियों पर भी तलवार लटक सकता है.

RPSC को लेकर हाई कोर्ट ने क्या कहा

राजस्थान हाई कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के लिए सुनवाई के दौरान RPSC की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. कोर्ट ने कहा,  RPSC के पूरे ढांचे को एक स्वांग बताया है. न्यायालय ने कहा कि आरपीएससी की ओर से हर स्तर पर पेपर कराने में चूक हुई. आरपीएससी ने पहले पेपर संभाग मुख्यालय पर करवाने का फैसला लिया था लेकिन उसके बाद अलवर, पाली, भीलवाड़ा, राजसमंद में परीक्षा आयोजित करवाई गई. केवल सरकारी स्कूलों में परीक्षा करवाने का फैसला हुआ था लेकिन इसके बाद निजी स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनवाए गए. बायोमेट्रिक, इंटरनेट बंद और सीसीटीवी जैसे सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता नहीं थे.

हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आरपीएससी ने घर का भेदी लंका ढाए मुहावरे को चरितार्थ किया है. 

इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा से पहले कालेर और बिश्नोई गैंग के जरिए पेपर लीक कर दिया गया था. परीक्षा में ड्यूटी तय ढांचे के हिसाब से नहीं लगाई गई. इसके अलावा अस्पष्ट नॉर्मलाइजेशन से भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता भी सुनिश्चित नहीं हुई. RPSC की ओर से आयोजित 2nd ग्रेड, सीनियर टीचर भर्ती 2022, राजस्व अधिकारी परीक्षा 2023 और 2018 को आरएएस भर्ती परीक्षा में भी विवाद सामने आए है. इसलिए आरपीएससी अपनी जिम्मेदारी सही से सुनिश्चित करने में फेल हुई है. 

इसलिए हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रियाओं में हुए फर्जीवाड़े और आरपीएससी के अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित न करने के मामले पर स्वतः संज्ञान भी लिया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच जल्द ही सुनवाई करेगी.

क्या 5 साल की भर्तियों पर लटकेगी तलवार?

हाई कोर्ट द्वारा RPSC पर किए गए सवाल से कई आशंकाओं को जन्म दे दिया है. क्योंकि 2021 के बाद से कई भर्ती परीक्षाएं कराई गई है और कई भर्तियों में भी धांधली सामने आ रही है. वहीं सफल उम्मीदवार के वकील दशरथ सिंह का कहना है कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा हम अपने अधिकार के तहत राजस्थान हाई कोर्ट के डबल बेंच में फैसले को चुनौती देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि RPSC की संलिप्तता इस मामले में सामने आई है. जबकि वह सदस्य आज भी RAS के इंटरव्यू ले रहे हैं. इसका मतलब यह है कि 5 साल की सभी भर्तियां सवालों के घेरे में आ जानी चाहिए.

अगर आगे की कार्रवाई में RPSC सदस्य की भूमिका सामने आती है तो यह माना जा सकता है कि पिछले 5 साल में हुई भर्तियों पर तलवार लटकना तय है और SI भर्ती रद्द के रेफ्रेंश पर कई भर्तियां रद्द की जा सकती है. हालांकि यह सभी कानून प्रक्रिया के तहत होंगे.

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