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This Article is From Feb 26, 2024

वसुंधरा राजे अपने बड़े भाई माधवराव सिंधिया को याद कर क्यों हो गई भावुक, बताई बड़ी बात

झालावाड़ में रेलवे शिलान्याय कार्यक्रम के दौरान वह जनता को संबोधित करते हुए दिवंगत बड़े भाई और कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया का नाम आने पर भावुक हो गईं.

वसुंधरा राजे अपने बड़े भाई माधवराव सिंधिया को याद कर क्यों हो गई भावुक, बताई बड़ी बात
वसुंधरा राजे भाई माधवराव सिंधिया को याद कर हुई भावुक

Vasundhara Raje: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे सोमवार (26 फरवरी) को अलग ही रंग में नजर आईं. झालावाड़ में रेलवे शिलान्याय कार्यक्रम के दौरान वह जनता को संबोधित करते हुए भावुक हो गईं. वसुंधरा राजे ने अपने पहली बार मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक के अपने राजनीतिक सफर में किया गए विकास कार्यों के बारे में बात की. वहीं इसी दौरान जब अपने दिवंगत बड़े भाई और कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) का नाम लिया तो वह भावुक हो गईं.

जब माधवराव सिंधिया कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री थे

झालावाड़ सिटी रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि जब वह सांसद थी तब उनके भाई माधवराव सिंधिया कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री थे. ऐसे में राजे ने अपने भाई से झालावाड़ को रेल से जोड़ने के लिए निवेदन किया. राजे ने कहा कि

जब मैं पहली बार 1989 में झालावाड़ आई, तब यहां रेल सेवा नहीं थी. मेरे भाई माधव राव सिंधिया रेल मंत्री थे. मैंने उनसे इस बारे में बात की तो वह हंसे और बोले कि यह यात्री बस चलाने जैसा काम नहीं है, इसमें काफी वक्त लगता है, लेकिन मुझे इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उन्होनें भरपूर मदद की. 

राजे ने कहा कि फिर उन्होंने अपने भाई से जिद करते हुए कहा कि आप शुरू तो कीजिए आगे भी काम हो जाएगा. ऐसे में भाई माधवराव सिंधिया ने उनकी बात मानते हुए सर्वे के लिए 50 करोड रुपए का बजट दिया, जिसके बाद झालावाड भोपाल रेलवे लाइन धीरे-धीरे बढ़ाते हुए आज धरातल पर उतर आई है. जिसके 2026 तक पूरी तरह चालू हो जाने की संभावना है. उन्होंने भरे मन से कहा कि दादा ने झालावाड़ में ट्रेन लाने के जो प्रयास किए,वो तब रंग लाये, जब वे इस दुनिया में नहीं रहे. काश वो होते तो कितना खुश होते.

राजे ने बताया अपना राजनीतिक सफर

राजे ने कहा कि उन्होंने अपने 34 वर्ष के राजनीतिक सफर में झालावाड़ के विकास में कोई कमी नहीं रहने दी. उन्होंने कहा कि झालावाड़ को रेल, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, हॉर्टिकल्चर कॉलेज, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, सरस डेयरी प्लांट, 3 किलोमीटर की हवाई पट्टी सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल स्टेडियम और अन्य भी कई परियोजनाएं दी है. इसके बाद झालावाड़ के हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं. यहां की सड़कों पर अब वाहन फर्राटे से भागते हैं. जबकि पहले कोटा से झालावाड़ आने में तीन से चार घंटे लग जाया करते थे. राजे ने कहा कि अब यहां विकास के द्वार खुल चुके हैं, निवेशकों के लिए बहुत कुछ तैयार कर दिया गया है. ऐसे में रेल लाइन परियोजना पूरी होने के साथ ही यहां निवेशकों का भी रुझान पड़ेगा और झालावाड़ के विकास को काफी गति मिलेगी.

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