Rajasthan News: जोधपुर ग्रामीण एसपी की मंगलवार को रेंज आईजी तक शिकायत पहुंचने के बाद बुधवार को सोशल मीडिया पर ओसिया की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) और ग्रामीण पुलिस (Jodhpur Gramin Police) के बीच जमकर सवाल-जवाब देखने को मिले. सोशल मीडिया पर जहां दिव्या मदेरणा ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, तो वहीं ग्रामीण पुलिस आरोपों को नकारकर कानून के तहत कार्यवाही करने का दावा किया गया. इस आरोप प्रत्यारोप ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
पिछली 9 मई को धनारी कला सरपंच प्रतिनिधि बजरंग चौधरी व साथियों पर जानलेवा हमला हुआ था और घायलों को मेडिकल करवाने के लिए जाने के दौरान भी पीछाकर हथियार लहराए और हवाई फायर किया था. आरोपियों ने धनारी गांव में सरपंच प्रतिनिधि की लग्जरी कार पर हमला कर तोड़फोड़ कर दी थी. वहीं पास में खड़ी कानाराम जाट की जीप में भी तोड़फोड़ की गई थी. इस संबंध में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसको लेकर ओसिया की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एक ही मामले की 4 एफआईआर दर्ज करने पर आपत्ति जताई थी.
अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार
पूर्व विधायक द्वारा सोशल मीडिया पर सवाल खड़े करने पर जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने सोशल मीडिया पर ही जवाबी पोस्ट में दावा किया है कि पुलिस कानूनन कार्यवाही कर रही है. खेड़ापा थाना अंतर्गत धनारी कला गांव में हुई घटनाक्रम में पुलिस ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं पांच अभी तक फरार चल रहे हैं. सरपंच प्रतिनिधि के साथ मारपीट वह गाड़ियों में तोड़फोड़ का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों को पुलिस ने नामजद कर मुकदमा दर्ज किया था.
'दिव्य ज्ञान कहां से मिलता है'
इस दौरान पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा ने पिछले साल भोपालगढ़ में कॉपरेटिव चुनाव के दौरान हुई घटना का भी वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, जिसमें लिखा कि यह घटना कॉपरेटिव चुनाव के समय की है. जिसमें पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा द्वारा एक वोटर को अपनी गाड़ी में बैठ कर ले जाया जा रहा था, जो कि नियम विरुद्ध था. इस संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जारी है. पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा ने एसपी को लेकर कई सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि भला उन्हें यह दिव्य ज्ञान कहां से मिलता है?
एसपी ने तुरंत दिया जवाब
हालांकि जोधपुर ग्रामीण एसपी ने भी लगे हाथ जवाब दिया कि भोपालगढ़ की घटना को लेकर जो मामला दर्ज किया गया था. वह जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 133 के तहत दर्ज किया गया है. किसी भी निर्वाचक को उम्मीदवार के अतिरिक्त को लाने के लिए वाहन का उपयोग करता है तो नॉन कॉग्निजेबल जुर्म हैं, और उसके लिए तीन माह की सजा का प्रावधान है. सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा और ग्रामीण एसपी के बीच में चल रहा विवाद सोशल मीडिया पर सुर्खियां बनी हुई है. जिसमें कुछ लोग पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा के संबंध में पोस्ट कर रहे हैं. तो वहीं कुछ लोग ग्रामीण एस पी धर्मेंद्र सिंह के कामकाज की सराहना कर रहे हैं. फिलहाल यह विवाद कब थमेगा इसका पता नहीं.
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