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This Article is From Jul 12, 2023

भारतीय टीम के लिए खेली हैं यें पिता-पुत्र की जोड़ी, विश्व कप विजेता खिलाड़ी भी हैं लिस्ट में शामिल

भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2007 में पहला टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम किया था और इसके कुछ सालों बाद ही टीम इंडिया ने 2011 में वनडे विश्व कप जीता था.

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भारतीय टीम के लिए खेली हैं यें पिता-पुत्र की जोड़ी, विश्व कप विजेता खिलाड़ी भी हैं लिस्ट में शामिल
भारतीय टीम के लिए खेल चुकीं हैं यें पिता-पुत्र की जोड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2007 में पहला टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम किया था और इसके कुछ सालों बाद ही टीम इंडिया ने 2011 में वनडे विश्व कप जीता था. युवराज सिंह उन चंद खिलाड़ियों में शामिल थे, जो टीम इंडिया के लिए दोनों विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे. भारतीय टीम ने 1983 में वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था और उसके बाद 2011 केवल दूसरा मौका था, जब टीम इंडिया वनडे चैंपियन बनी थी. युवराज सिंह ने 2007 टी20 विश्व कप और 2011 विश्व कप के दौरान अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए चर्चा बटोरी थी. युवराज सिंह को क्रिकेट अपने पिता से विरासत में मिला था. युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह भी भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले थे. हालांकि, युवराज और योगराज की जोड़ी पहली पिता-पुत्र की जोड़ी नहीं थी, जो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेल चुके थे. उनसे पहले भी कई पिता-पुत्र की जोड़ियों ने भारतीय टीम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया था.

ये पिता-पुत्र की जोड़ी खेल चुकी है टीम इंडिया के लिए

इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी दोनों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था. भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मंसूर अली खान पटौदी अपने पिता से अधिक सफल रहे.  मंसूर अली खान पटौदी को 21 साल की उम्र में भारत का कप्तान बनाया गया. उन्होंने खेले गए 46 टेस्ट मैचों में से 40 में अपनी टीम का नेतृत्व किया और 2793 रन बनाए. मंसूर अली खान पटौदी की एक कार दुर्घटना में अपनी दाहिनी आंख खोनी पड़ी थी, लेकिन  इसके बाद भी भारत ने 1968 में उनके नेतृत्व में विदेश में पहली बार न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी.

मोहिंदर, राजिंदर और सुरिंदर के पिता लाला अमरनाथ ने भारत के लिए 24 टेस्ट खेले और टेस्ट शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज के रूप में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया. सुरिंदर ने देश के लिए छह वनडे और दस टेस्ट मैच खेले और राजिंदर ने 36 प्रथम श्रेणी मैच खेले. मोहिंदर अमरनाथ अपने पिता से भी सफल खिलाड़ी रहे और वो 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा थे.

विजय और संजय मांजरेकर एक और पिता पुत्र की जोड़ी हैं जो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेल चुकी है. विजय मांजरेकर 1950 के दशक की शुरुआत से लेकर 1960 के दशक के मध्य तक सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाजों के क्लब में शामिल थे. विजय मांजरेकर ने भारत के लिए भारत के लिए 55 टेस्ट खेले और सात शतक बनाए. बात अगर संजय मांजरेकर की करें तो उनका करियर भी शानदार रहा. संजय ने भारत के लिए विश्व कप समेत कुल 74 वनडे और 37 टेस्ट खेले. संजय के नाम टेस्ट में चार शतक भी हैं.

इसके अलावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष  रोजर बिन्नी और उनके पुत्र स्टुअर्ट बिन्नी भी टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं. साथ ही सुनील गावस्कर और रोहन गावस्कर, वीनू और अशोक मांकड़, हेमंत और हृषिकेश कानिटकर शामिल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं.

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