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आरोपी के खिलाफ दर्ज है मुकदमा तो भी पासपोर्ट बनाने में नहीं आएगी अड़चन, राजस्थान हाईकोर्ट का अहम फैसला

Rajasthan News: पासपोर्ट नहीं बन पा रहा है या रिन्यू नहीं हो पा रहा है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने इस बारे में एक केस में अहम फैसला सुनाया है.

आरोपी के खिलाफ दर्ज है मुकदमा तो भी पासपोर्ट बनाने में नहीं आएगी अड़चन, राजस्थान हाईकोर्ट का अहम फैसला

Rajasthan High Court: अगर आपको देश से बाहर जाना है और किसी कारणवश आपका पासपोर्ट नहीं बन पा रहा है या रिन्यू नहीं हो पा रहा है तो राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला आपके चेहरे पर खुशी ला देगा. एक मामले में फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि पासपोर्ट बनने से किसी भी तरह से नहीं रोका जा सकता. भले ही व्यक्ति की पुलिस जांच रिपोर्ट निगेटिव क्यों न आ जाए. क्योंकि पासपोर्ट बनवाना देश के हर नागरिक का कानूनी अधिकार है और कोई भी उसे इससे वंचित नहीं कर सकता.

क्या कहता है कानून

हाल ही में हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी किसी नागरिक को पासपोर्ट पाने के कानूनी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. जस्टिस अनूप कुमार ढांड की बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि पासपोर्ट अथॉरिटी पुलिस रिपोर्ट से बंधी नहीं है. पासपोर्ट एक्ट 1967 पासपोर्ट अथॉरिटी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विवेकाधिकार दिया गया है जिसमें वेरिफिकेशन रिपोर्ट के बावजूद निष्पक्ष फैसला लेने का अधिकार शामिल है. इसके तहत किसी भी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. वेरिफिकेशन रिपोर्ट में आरोपी के तथ्यों/पिछले इतिहास को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को पासपोर्ट जारी किया जाए या नहीं, यह पासपोर्ट अथॉरिटी को तय करना है.

पासपोर्ट विभाग के पास होता है फैसला लेने का अधिकार

हालांकि, इस मामले में कोर्ट ने पासपोर्ट विभाग को छूट दी है कि अगर पुलिस वेरिफिकेशन में कुछ गलत पाया जाता है तो वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और पासपोर्ट अधिकारी को याचिकाकर्ता के पासपोर्ट नवीनीकरण आवेदन को आठ सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया.

सावित्री शर्मा बनाम भारत सरकार मामला

दरअसल, यह फैसला राजस्थान हाईकोर्ट ने सावित्री शर्मा की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है. जिसमें पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में उनकी राष्ट्रीयता पर सवाल उठाए गए थे. याचिकाकर्ता ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी. क्योंकि उनके दादा नेपाली मूल के थे. लेकिन उनका जन्म, विवाह और परिवार भारत से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और पासपोर्ट अथॉरिटी को शर्मा के पासपोर्ट नवीनीकरण आवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेने का आदेश दिया.

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