Heat Wave in Rajasthan: वैसे तो राजस्थान (Rajasthan) में पेयजल संकट दशकों पुराना है. कभी खत्म हुआ नहीं. पानी न होना एक प्रथा सी बन गई है. पिछले साल सर्दियों में राजस्थान में जनता ने रिवाज कायम रखते हुए सरकार बदली और सरकार आते ही सीएम बोले कि जनता को अहसास होना चाहिए कि राज बदला है. लेकिन अब गर्मी आते-आते पानी की हालत देखकर लोग को लग रहा है कि कुछ नहीं बदला. जमीन में पानी नहीं है. ग्राउंड वॉटर सूख रहा है. हाल में एक रिपोर्ट ने बताया कि अगले सालभर में जल संकट (Water crisis) की स्थिति भयावह हो सकती है. जयपुर समेत चार शहरों में पानी सूख जाएगा. लेकिन कभी तालाब-कुओं से सराबोर रहने वाले गांवों में भी मौजूदा हालात ही सूखे से कम नहीं हैं. प्रदेश में कहीं पानी नहीं हैं, तो कहीं पानी इतना गंदा है कि पीने लायक ही नहीं है. लेकिन लोगों की मजबूरी है, जो वही जानते हैं . भरोसे, आश्वासन देता सिस्टम अपनी रफ्तार से रेंगता रहता है, शहरों का आकार और पानी की मांग तेजी से बदस्तूर बढ़ती रहती है.