जल सांझी कला (Jal Saanjhi Art) एक अद्भुत और प्राचीन भारतीय चित्रकला है, जिसमें पानी की सतह पर सूखे रंगों का उपयोग करके चित्र बनाए जाते हैं. यह कला उदयपुर की विशेष पहचान बन चुकी है और इसे खासतौर पर कृष्ण मंदिरों में दर्शाया जाता है. लगभग 500 साल पुरानी इस कला का उद्गम राधा-कृष्ण की लीलाओं को चित्रित करने के उद्देश्य से हुआ. जल सांझी में अत्यंत सूक्ष्मता और धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि पानी पर बनाए गए चित्र अस्थाई होते हैं और उन्हें सजीवता देने के लिए गहरी कुशलता चाहिए. यह कला आज भी अपनी विशिष्टता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.