
Sunita Williams News: करीब 9 महीने से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के घर लौटने का वक्त आ गया है. विलियम्स मंगलवार शाम को धरती पर लौटने वाली हैं. इस दौरान उनके साथ नौ महीने तक रहे बुच विल्मोर भी हैं. यह अंतरिक्ष यान कुछ ही देर में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती के लिए रवाना होने वाला है. NASA ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर लौट रहे स्पेसएक्स क्रू-9 का लाइव प्रसारण शुरू कर दिया है.
धरती के लिए रवाना होने वाला है ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट
नासा के अनुसार विलियम्स और उनके तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान कुछ ही घंटों में आईएसएस से अलग हो जाएगा. इसके बाद 17 घंटे की लंबी यात्रा के बाद 19 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर स्पलैशडाउन के साथ समाप्त होगा.
LIVE: #Crew9 and their @SpaceX Dragon spacecraft are departing the @Space_Station and starting their journey back to Earth. Undocking is scheduled for 1:05am ET (0505 UTC). https://t.co/OUp4n98WeE
— NASA (@NASA) March 18, 2025
पिछले साल जून 2024 में अंतरिक्ष में गए थे
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का मिशन पिछले साल जून 2024 में शुरू हुआ था. वे सिर्फ़ 8 दिनों के लिए टेस्ट फ़्लाइट के तौर पर ISS पर गई थीं. लेकिन, बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी. इस वजह से बोइंग का यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस नहीं ला पाया था. ऐसे में उनकी यात्रा को आगे बढ़ाकर क्रू-9 मिशन का हिस्सा बना दिया गया. नासा ने कहा है कि तकनीकी कारणों से उनके पहले के शेड्यूल में देरी हुई थी.
एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी का अंतरिक्ष यान है ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट
बता दें स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क, का अंतरिक्ष यान ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट विलियम्स और विल्मोर को वापस ला रहा है. यह अंतरिक्ष यान नासा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाता है और ISS के लिए कार्गो भेजता है.
भारत से है सुनीता विलियम्स का गहरा नाता
सुनीता लिन पांड्या विलियम्स का जन्म 19 सितम्बर 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर (स्थित क्लीवलैंड) में हुआ था. उनके पिता गुजरात के रहने वाली है और उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या (नी ज़ालोकर) स्लोवाकियन है. विलियम्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की अपनी पहली यात्रा 2006 में अंतरिक्ष यान डिस्कवरी पर सवार होकर की थी. नौ महीने के बाद हो रही उनकी घर वापसी से उनका परिवार काफी खुश और सुरक्षित वापसी को लेकर काफी चिंतित भी है. उनके रिश्ते में बड़े भाई दीपक रावल ने बताया, "सुनीता बहुत हिम्मत वाली है. पूरे परिवार के लोग उसके लिए बहुत चिंतित थे. वह भी उनके धरती पर सुरक्षित आने की प्रार्थना कर रहे है.
बहुत बाहदुर है सुनीता
अपनी बहन की बाहदुरी को लेकर भाई दीपक ने एक किस्से को लेकर बताया कि जब सुनीता लश्कर के अंदर सर्विस कर रही थी, तो उस समय कुछ दिन के लिए भारत आई थी. वो हमारे साथ घूमने उदयपुर गई और रात में वो होटल से बाहर निकल गई. मैं बहुत परेशान हुआ.जब वो बाद में घूमते हुए आई, तो मैंने उससे नए शहर में बाहर जाने को लेकर सवाल किया. तो उसने बताया, मैं लश्कर में काम करती हूं और किसी चीज से घबराती नहीं हूं. आप पुरुष लोग बाहर जा सकते हैं, लेकिन कोई महिला नहीं जा सकती? उसने उस समय मैसेज दिया था कि हम लेडिज आगे जाएंगे और दुनिया को बताएंगे."
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