Rajasthan News: राजस्थान के 33 हजार प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन बुधवार से शुरू हो जाएंगे. प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा सत्र 2024-25 के तहत शिक्षा विभाग ने एडमिशन की प्रक्रिया का टाइम फ्रेम घोषित कर दिया है. निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के ऑनलाइन आवेदन 3 अप्रैल से 21अप्रैल तक किए जा सकेंगे. जिन बच्चों को आरटीई के तहत पहले एडमिशन मिल चुका है, वे फिर से आवेदन नहीं कर सकेंगे. जिन्होंने एडमिशन के लिए आवेदन किया है, लेकिन एडमिशन नहीं मिल पाया, वे विद्यार्थी फिर से आवेदन कर सकते हैं.
23 अप्रैल से ऑनलाइन लॉटरी का ऑप्शन
प्रारम्भिक शिक्षा निर्देशक सीताराम जाट की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अभिभावक 21 अप्रैल तक आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद एनआईसी की ओर से ऑनलाइन लॉटरी 23 अप्रैल को जारी की जाएगी. 23 से 30 अप्रैल तक अभिभावक ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकेंगे. इसके बाद 23 अप्रैल से 23 मई तक अभिभावक अपने रिकॉर्ड को सुधार सकेंगे. अगर कोई डॉक्यूमेंट रह गया है, या गलत दे दिया गया है, तो वह उसे भी सुधार सकेंगे. 23 अप्रैल से 17 में तक सीबीईओ आवेदन पत्रों की जांच करेंगे. बाकी के सभी आवेदन 20 मई को ऑटो वेरिफाइड कर दिए जाएंगे. 21 में से 25 जुलाई तक एनआईसी की ओर से आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा.
31 अगस्त तक तीन चरणों में चलेगा प्रोसेस
दरअसल यह चयन सशुल्क सीट्स के बेस पर होगा. तीन चरणों में यह प्रोसेस 31 अगस्त तक चलेगा. निजी स्कूलों में होने वाले निःशुल्क प्रवेश के प्रावधानों में हुए बदलाव के मुताबिक, नई शिक्षा सत्र 2024-25 में निःशुल्क प्रवेश के लिए नर्सरी और पहली क्लास में ही आवेदन किये जा सकेंगे. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 से 7 साल आयु वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे. नर्सरी कक्षा में 3 से 4 साल तक के विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे. पिछले साल तक पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 5 से 7 साल की आयु निर्धारित की गई थी. लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अब यह बदलाव किया गया है. आयु का अन्दाजा 31 जुलाई 2024 से लगाया जाएगा.
वार्ड के हिसाब से एडमिशन में प्राथमिकता
हर एक प्राइवेट स्कूल में तीन सशुल्क स्टूडेन्ट्स के बाद चौथे स्टूडेन्ट का एडमिशन आरटीई के तहत होगा. इसके लिए सभी स्कूलों को 2 अप्रैल तक अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगी. ऑनलाइन आवेदन के दौरान हर एक विद्यार्थी को पांच स्कूल सिलेक्ट करने होंगे. आरटीई नियमों के मुताबिक, जिस वार्ड में स्कूल स्थित है, उसी वार्ड के अभ्यर्थियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी. गौरतलब है कि पिछले साल आरटीई के तहत राज्य के 1 लाख, 90 हज़ार विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रवेश मिला था.
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