Rajasthan News: राजस्थान में अब हरियाणा और ओडिशा की तरह शिक्षकों की तबादला नीति (Teachers Transfer Policy) लाई जाएगी. उदयपुर (Udaipur) दौरे पर आए शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल (Krishna Kunal) ने दावा किया कि विभाग इस संबंध में जुलाई-अगस्त तक प्रस्ताव तैयार करेगा. इसके बाद इसे मंत्रिमंडलीय उप समिति के सामने पेश किया जाएगा. समिति की मंजूरी के बाद सरकार के स्तर पर इसे लागू किया जाएगा. हरियाणा में 5 साल तो ओडिशा में 7 साल में ऑटो अपडेट-जनरेट प्रक्रिया के तहत शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में तबादला हो जाता है. अगर इस तरह की पॉलिसी लागू हुई तो राजस्थान में भी ऐसा ही होगा.
दिवाली से पहले पूरी हो सकती है प्रक्रिया
शासन सचिव ने बताया कि पॉलिसी से जुड़ी प्रक्रिया 6 से 9 माह में पूरी होगी. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अगले ग्रीष्मावकाश या दिवाली अवकाश के दौरान शिक्षकों को तबादला नीति की सौगात मिल सकती है. प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की पूर्ववर्ती तीन सरकारों ने तबादला नीति लाने के प्रयास किए, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से यह अटक गई और आज तक लागू नहीं हो पाई. मौजूदा समय में राजनेताओं की डिजायर पर शिक्षकों के तबादले किए जाते हैं. पॉलिसी बनी तो डिजायर खत्म हो जाएगी. विधायक पहले भी कर चुके इसका विरोध कर चुके हैं.
इसलिए गहलोत सरकार में अटकी थी नीति
हरियाणा-ओडिशा में बने ऑटो जनरेटेड सिस्टम के तहत 5-7 साल एक स्कूल में पूरे होने बाद शिक्षकों की नई लिस्ट तैयार हो जाती है. सूची के आधार पर शिक्षकों को विकल्प दिया जाता है. दिव्यांग, विशेष श्रेणी वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को इसमें राहत भी दी जाती है. सरकार ने पॉलिसी बना कर तबादले शुरू किए तो विधायकों और राजनीतिक दलों की डिजायर पॉलिसी खत्म हो जाएगी. अब तक जो भी तबादले हुआ करते हैं, वे सत्ताधारी दल के विधायकों की (डिज़ायर) सिफारिशों से किये जाते हैं. सरकार में शिक्षा विभाग सबसे बड़ा महकमा है. इसमें सीधे पोर्टल बेस तबादले होंगे तो विधायकों की अहमियत कम होगी तो उनको पूछेगा कौन? यही वजह थी कि 2021 में जब राजस्थान में गहलोत सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू करना चाहा तो विधायक इसका विरोध कर रहे थे.
'राजस्थान के 95 प्रतिशत शिक्षक संतुष्ट होंगे'
हालांकि शासन सचिव ने यह खुलासा नहीं बताया कि इस पॉलिसी के मापदंड क्या होंगे और किस वर्ग के शिक्षकों को राहत मिलेगी? लेकिन शासन सचिव ने दावा किया कि नई पॉलिसी के तहत होने वाले तबादल नीति में पारदर्शिता रहेगी और 95 प्रतिशत शिक्षक संतुष्ट होंगे. वहीं पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने पॉलिसी से ट्रांसफर को शिक्षकों के लिए बड़ी राहत बताया.
3 सरकारें कर चुकी हैं नीति बनाने का प्रयास
आंकड़ों की बात करें तो अब तक राजस्थान में 3 सरकारें तबादला नीति बनाने का प्रयास की चुकी हैं. लेकिन सफलता कभी भी किसी को नहीं मिली. वसुंधरा सरकार ने साल 2007-08 में पहली बार ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कमेटी बनाई. तीन बैठक के बाद भी कमेटी कोई निर्णय नहीं हो पाया. राजे सरकार के दूसरे टर्म 2017-18 में फिर प्रयास हुआ. तब शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक ओंकार सिंह की अगुवाई में कमेटी बनी. कमेटी ने कई राज्यों की स्थानांतरण नीतियों का अध्ययन कर 2021 में रिपोर्ट दी. तब अशोक गहलोत सरकार सरकार ने भी प्रयास किया था, लेकिन मामला पेंडिंग में चला गया.