Rajasthan News: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने बीते मंगलवार (12 मार्च) को प्रदेशभर में 10वीं बोर्ड के हिंदी विषय की परीक्षा, और 16 मार्च को सामाजिक विज्ञान विषय की परीक्षा आयोजित कराई थी, जिसमें अब बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है. NDTV के पास सरकारी मोहर वाले दो लेटर हाथ लगे हैं, जो केंद्र अधीक्षकों ने बोर्ड प्रशासन को लिखे हैं. इसमें कुछ केंद्रों पर अलग-अलग सीरीज के प्रश्न पत्र मिलने और बोर्ड पेपर की सील टूटी हुई होने की जानकारी साझा की गई है.
'प्रिंटिंग प्रेस के खिलाफ कार्रवाई'
ये लेटर वायरल होते ही राज्य में हड़कंप मच गया है. कुछ लोग इसे बोर्ड एग्जाम में बड़ी लापरवाही का नाम दे रहे हैं, जबकि कुछ इसे पेपर लीक से जोड़ रहे हैं. हालांकि जांच के बाद ही इस पर तस्वीर साफ हो सकेगी. लेकिन बोर्ड सेक्रेट्री कैलाश चंद्र शर्मा ने इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. आपको बता दें कि ये दोनों लेटर ब्यावर जिले के दो अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से सामने आए हैं, जिसके बाद बोर्ड प्रशासन ने अपनी जांच शुरू कर दी है, और जल्द ही सच्चाई का पता लगाकर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
सीरिज के दो प्रश्न पत्र गायब
पहला लेटर 12 मार्च को ब्यावर जिले में कुशालपुरा केंद्राधीक्षक ने लिखा था, जिसमें उन्होंने आरबीएसई को बताया था कि, 'केंद्र क्रमांक - 20015 पर आज आयोजित हिंदी विषय के पेपर की क्रम संख्या में त्रुटि पाई गई. परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र के दो लिफाके मिले थे. इनसे से 1 लिफाके प्रश्न पत्र सीरिज से दो पेपर गायब थे. लिफाके में प्रश्न पत्र क्रम संख्या 1820497 और 1820499 प्राप्त नहीं हुए.'
'प्रश्न पत्र की सील टूटी हुई मिली'
इसके बाद दूसरा लेटर ब्यावर जिले के देवली कलां विद्यालय में तैनात केंद्राधीक्षक ने बोर्ड को 16 मार्च के दिन लिखा था. पत्र में बताया गया कि, 'सामाजिक विज्ञान के पेपर परीक्षा केंद्र संख्या (20023) पर सील खुला लिफाफा प्राप्त हुआ, और सीरिज के पेपर की बजाय दूसरी सीरिज का प्रश्न पत्र मिला. जिसकी सूचना महोदय की सेवार्थ दी जा रही है. लिफाफे में 6000541 से 6000560 सीरिज के पेपर थे. लेकिन इनमें 6000547 सीरिज वाला पेपर नहीं था. उसकी बजाय 5856965 सीरिज का पेपर निकाला था.'
'किसी भ्रम में न रहें अभ्यार्थी'
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद शर्मा से जब NDTV ने इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा, 'कुछ स्थानों से 12 मार्च को हिंदी की परीक्षा पेपर में प्रिंटिंग की मिस्टेक और लिफाफे पैकिंग की मिस्टेक सामने आई है. इसी कारण कुछ प्रश्न पत्रों पर सीरियल नंबर आगे पीछे हो जाना या एक लिफाफे में कुछ सीरियल वाले प्रश्न पत्र नहीं मिलना. यह संभावना है कि प्रश्न पत्र रखते समय यह त्रुटि हुई है, और जो सीरियल नंबर में रखे हुए प्रश्न पत्र हैं वह किसी और लिफाफे में मिले हैं. परीक्षा केंद्र अधीक्षक और विक्षक को यह जानकारी नहीं होती कि दूसरे कमरे में किस सीरियल नंबर का प्रश्न पत्र पहुंचा है. इसीलिए अभ्यर्थी किसी प्रकार के भ्रम, संशय या किसी डर की स्थिति में नहीं रहें. परीक्षा के आयोजन में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. प्रिंटिंग या पैकिंग में प्रिंटिंग प्रेस की ओर से कोई कमी रखी गई है. निश्चित रूप से जांच करने के बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृश्ट्या बोर्ड यह मानकर चल रहा है जहां यह प्रश्न पत्र छपे हैं और पैकिंग हुई है. उनके स्तर पर पैकिंग और पैकिंग के दौरान त्रुटि हुई है.
पत्र वायरल करने वालों पर कार्रवाई
बोर्ड सचिव ने यह भी कहा कि जिस केंद्र में प्रश्न पत्रों और लिफाफे में त्रुटि पाई गई है, वहां के केंद्र अधीक्षक ने जो शिकायत पत्र बोर्ड की गोपनीय शाखा में भेजना था. उसके अलावा उन्होंने कहीं और शिकायत पत्र भेज दिया, जिससे शिकायत पत्र वायरल हो गया. ऐसे केंद्र अधीक्षकों के खिलाफ भी नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल बोर्ड की परीक्षा चल रही है तो ऐसे में परीक्षा के दौरान किसी पर कार्रवाई करना जल्दबाजी होगी. परीक्षा समाप्त होने के बाद जांच की जाएगी. प्रथम दृष्टया जिस केंद्र अधीक्षक के द्वारा शिकायत पत्र वायरल हुए हैं और प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के संचालक के खिलाफ जांच करने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें:- लट्ठमार होली देखने के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आए हजारों श्रद्धालु