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This Article is From Oct 04, 2024

RPSC का बड़ा फैसला, अब परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगी कैंडिडेट्स को एंट्री

Rajasthan News: राजस्थान की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधलेबाजी को रोकने के लिए RPSC अब एग्जाम में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने जा रहा है.

RPSC का बड़ा फैसला, अब परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगी कैंडिडेट्स को एंट्री
बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी अब एंट्री

RPSC: राजस्थान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए आरपीएससी (RPSC) का गठन किया गया है.आयोग इन परीक्षाओं में हो रही नकल को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इससे पहले आरपीएससी ने अयोग्य अभ्यर्थियों को लेकर हाईकोर्ट जाने का फैसला किया था, जिसके बाद अब उसने परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों पर लगाम लगाने का फैसला किया है. इसके लिए वह बायोमेट्रिक सिस्टम की मदद लेने जा रहा है. जिसे वह अभ्यर्थियों के इंटरव्यू वेरिफिकेशन के दौरान ट्रायल बेसिस पर लागू करने जा रहा है. राजस्थान लोक सेवा आयोग की बायोमेट्रिक सिस्टम की योजना को केंद्रीय मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है.

 फिंगर, चेहरे, से होगी असली और नकली की पहचान

परीक्षा में डमी कैंडिडेट के बढ़ते दखल के कारण RPSC इस कदम को उठा रही है जिससे एग्जाम में बैठने वाले छात्रों में इसका डर बंधा रहे. आरपीएससी का यह प्रयास सफल रहा तो आयोग के लिए हर आगामी प्रतियोगी परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों की पहचान करना बेहद आसान हो जाएगा. क्योंकि इस सिस्टम के जरिए परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड की तरह होता है.

बायोमेट्रिक सिस्टम होगी परीक्षा केंद्र में एंट्री

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम आधार कार्ड (UIDAI) धारक की पहचान सत्यापित करने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति रजिस्टर की तरह है. इसमें उंगली, चेहरे, आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स लिए जाते हैं. अभ्यर्थी जब किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए साइट पर जाएंगे और वन टाइम रजिस्ट्रेशन करेंगे, उस समय उन्हें एसएसओ पोर्टल (SSO Portal)  में अपना आधार कार्ड नंबर, जन्मतिथि DOB) समेत तमाम जानकारियां देनी होंगी. उसके बाद जब छात्र परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पर पहुंचेगा तो उसे वहां पर बायोमेट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे का निशान स्कैन करना होगा, इसके बाद अगर अभ्यर्थी की तरफ से आवेदन में दी गई सभी जानकारी सही पाई जाती है तो उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा ,वरना परीक्षा केंद्र में मौजूद स्टाफ के जरिए उसे डमी कैंडिडेट मानते हुए धर दबोच लिया जाएगा.

 पिछले 6 महीने से RPSC कर रहा प्रयास

इस संबंध में सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग पिछले 6 माह से लगातार केंद्रीय मंत्रालय से चर्चा कर रहा था. आयोग के प्रस्ताव के बाद राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने 8 मई 2024 को सूचना मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा था.इसके बाद भारत सरकार ने आयोग को आधार अधिनियम 2016 की धारा 4 और आधार एवं सुशासन के लिए प्रमाणीकरण नियम 2020 के तहत अभ्यर्थियों की पहचान बायोमेट्रिक्स के माध्यम से सत्यापित करने के उद्देश्य से अनुमति दे दी है.

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