
Rajasthan News: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है. जंक्शन क्षेत्र के एक बुजुर्ग को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 45 लाख रुपए की चपत लगा दी. ठगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर वृद्ध को चार दिन तक अपने जाल में फंसाए रखा.
फर्जी कॉल और अरेस्ट वारंट का डर
पुलिस के अनुसार ठगों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए बुजुर्ग से संपर्क किया. उन्होंने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि वृद्ध के नाम पर फर्जी सिम से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है. डराने के लिए ठगों ने व्हाट्सएप पर एक फर्जी अरेस्ट वारंट भी भेज दिया. बुजुर्ग को धमकाया गया कि वे जांच पूरी होने तक किसी से बात नहीं कर सकते.
चार दिन तक डिजिटल कैद
ठगों ने वृद्ध को वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए मजबूर किया और चार दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा. इस दौरान बुजुर्ग को बाहर संपर्क करने की इजाजत नहीं थी. ठगों ने डर का ऐसा माहौल बनाया कि पीड़ित उनकी बातों में आ गए.
किस्तों में हड़पे 45 लाख
चार दिनों में ठगों ने चार अलग-अलग ऑनलाइन लेनदेन के जरिए बुजुर्ग से 45 लाख रुपए हड़प लिए. जब ठगों ने और पैसे की मांग की तो बुजुर्ग को शक हुआ. उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और ठगी का खुलासा हुआ.
पुलिस ने शुरू की जांच
पीड़ित की शिकायत पर हनुमानगढ़ साइबर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर ने बताया कि पुलिस कॉल डिटेल्स और बैंक लेनदेन की जांच कर ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें और ऐसी किसी घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दें.
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