![हनुमानगढ़ में हेरोइन तस्करी के मददगार भी अब पुलिस के रडार पर, 27 A में जिले की पहली कार्रवाई; आरोपी गिरफ्तार हनुमानगढ़ में हेरोइन तस्करी के मददगार भी अब पुलिस के रडार पर, 27 A में जिले की पहली कार्रवाई; आरोपी गिरफ्तार](https://c.ndtvimg.com/2025-02/lul5ti3_ha_625x300_08_February_25.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में पहली बार नशा तस्करी के खिलाफ अभियान के तहत शरण और मदद करने वालों पर भी पुलिस का एक्शन देखने को मिला है. जब दो दिन पूर्व हेरोइन तस्करी के मामले में गिरफ्तारी के बाद तस्कर को लॉजिस्टिक और शेल्टर की मदद करने वाले को भी एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 A में गिरफ्तार कर लिया है. पूरे प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 A की ये दूसरी या तीसरी कार्रवाई है. अब मददगारों तक पुलिस के हाथ पहुंचना कहीं ना कहीं नशा तस्करों के मनोबल को तोड़ेगा.
10 ग्राम हेरोइन के साथ मिला था सप्लायर
रावतसर पुलिस ने नशा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. दरअसल रावतसर पुलिस ने 4 फरवरी को एक बड़ी कार्रवाई में बाइक सवार कृष्ण कुमार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया. जब वो 10 ग्राम हेरोइन की सप्लाई करने जा रहा था.
हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक अरशद अली ने बताया कि आरोपित से पूछताछ में सामने आया कि कस्बे में हेरोइन तस्करी के मुख्य सरगना अनिल झींझा और सिद्धार्थ झींझा हैं. इस नेटवर्क में 59 वर्षीय सुरेंद्र झींझा की भी महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है. सुरेंद्र ने तस्करों को न केवल वाहन और शरण प्रदान की, बल्कि आर्थिक मदद भी की.
पुलिस पूरे नेटवर्क की कर रही जांच
SP ने आगे बताया कि इतना ही नहीं सुरेन्द्र अपने घर को नशेड़ियों को हेरोइन सेवन के अड्डे के रूप में भी इस्तेमाल करने देता था. रावतसर थानाधिकारी रामचंद्र कसवां के नेतृत्व में चल रही जांच में यह भी पता चला कि यह जिले में पहला मामला है, जिसमें NDPS एक्ट की धारा 27 A के तहत मादक पदार्थ सप्लायर को वित्तीय सहायता और शरण देने के लिए कार्रवाई की गई है.
पुलिस ने सुरेंद्र झींझा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर रिमांड मंजूर करवाया है. रिमांड अवधि में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर जानकारी लेगी कि इस रैकेट में कौन-कौन और कहां-कहां से लोग शामिल हैं. वहीं कितने समय से ये लोग नशा तस्करी कर रहे हैं.
आम जन में जगी उम्मीद
जिला पुलिस की नशा तस्करों के मददगारों को कानून के शिकंजे में लेने से तस्करी में कमी आने की संभावना हुई है. वहीं पुलिस की इस ताजा और जिले की पहली कार्रवाही से जिले में युवाओं की मौत का और बढ़ते अपराधों का बड़ा कारण बनकर उभरता नशा भी रुक जाएगा ऐसी उम्मीद आमजन में जागी है. अब देखने वाली बात होंगी कि नशे पर प्रभावी रोक के लिए पुलिस प्रशासन और क्या नई पहल कर कानून के शिकंजे में अपराधियों को कस पाता है.