
Kota News: राजस्थान के कोटा की एक अदालत ने 2018 के अपहरण और हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 16 वर्षीय शाकिब के अपहरण और हत्या के दोषी पाए गए दो भाइयों समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने हर दोषी पर 13,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दोनों एक ही कोचिंग सेंटर में थे पढ़ते
इस मामले की जानकारी देते हुए सहायक लोक अभियोजक बलराम मीणा ने शनिवार को बताया कि मुख्य आरोपी निजाम उर्फ निजामुद्दीन (43) को उसकी बेटी की दोस्ती शाकिब (16) से पसंद नहीं थी. वे दोनों एक ही कोचिंग सेंटर में पढ़ते थे.
पिता ने करवाया शाकिब का अपहरण
अभियोजक मीणा ने आगे बताया कि निजाम, उसके भाई सिराज (35), और दो अन्य व्यक्ति लोकेंद्र सिंह (26) और आदिल (24) ने मिलकर 1 जुलाई 2018 को डीसीएम सर्कल से शाकिब का अपहरण कर लिया था. उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों ने शाकिब को उद्योग नगर थाना क्षेत्र में एक सुनसान जगह पर ले जाकर लोहे की रॉड और डंडों से बेरहमी से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद परिजनों के ढूंढने पर वह उन्हें अधमरी हालत में मिला. जिसपर उन्होंने तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान एक सप्ताह बाद शाकिब की मौत हो गई.
चारों आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा
सहायक लोक अभियोजक बलराम मीणा ने बताया कि अदालत ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही, अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 13,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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