
राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी प्रकरण में कैबिनेट मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि उनका कृत्य अशोभनीय अमर्यादित था. गुढ़ा ने संवैधानिक पद की मर्यादा को भी तार-तार किया. मंत्री भूपेश ने कहा कि वे इस बात की निंदा करती है कि संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल जो कि एक बुजुर्ग व्यक्ति भी है. उन पर इस तरह का हमला किया गया यह कोई अच्छा कार्य नहीं है. इस प्रकार के कार्य किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. वहीं विधायकों व मंत्रियों द्वारा गुढ़ा के साथ मारपीट किए जाने के सवाल पर मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि आजकल विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही लाइव की हुई है.
कार्यवाही को यूट्यूब आदि सोशल मीडिया माध्यमों पर लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा है. विधानसभा में हर कार्रवाई की रिकॉर्डिंग होती है. जिसको देखने से पता चल जाएगा कि किसने किसके साथ क्या किया और शुरुआत किसने की यह सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. कैबिनेट मंत्री ममता भूपेश ने यह बात मणिपुर में जारी घटनाक्रम के विरोध में कांग्रेस कमेटी की ओर से जिला कलेक्ट्रेट दौसा पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान कहीं वही इस बारे में राज्यमंत्री मुरारीलाल ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप का तो पता नही पर इन सब बातों से ओवरऑल नुकसान होता है. चूंकि राजेंद्र गुढा मंत्री मुरारी लाल के पुराने साथी रहे हैं तो पत्रकारों द्वारा मंत्री से सवाल किया गया कि गुढा के साथ घटित घटना के बारे में उनकी क्या राय है इस पर मंत्री मुरारीलाल ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं बोल सकते. पर गुढ़ा उनके पुराने साथी भी रहे हैं मित्र भी है. सदन में हुए घटनाक्रम की वास्तविकता का ना उन्हें पता है और ना ही कोई जानकारी है. इसलिए वे इसके ऊपर कोई कमेंट नहीं करना चाहते.
साथ ही सदन में पिछले दिनों हुए घटनाक्रम में कांग्रेस नेताओं द्वारा भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाने के सवाल पर मुरारीलाल ने कहा कि भाजपा तो बवंडर करती है भाजपा का काम ही खेल बिगाड़ने का है. वहीं गुढा के एक आरोप जिसमे उन्होंने कहा था कि सदन में मंत्रियों और विधायकों ने उनके मारपीट की है के बारे में सवाल करने पर मुरारीलाल ने कहा कि उस समय सदन की कार्रवाई के दौरान वह विधानसभा में उपस्थित नहीं थे , थोड़ा देरी से पहुंचे थे.
इस दौरान वहां पर क्या घटना हुई और क्या नहीं हुई है उनकी जानकारी में नहीं है उन्होंने कहा कि घटना चाहे जो भी रही हो और गलती गुढा की हो या किसी अन्य किसी और की परंतु राजस्थान में जब से विधानसभा चल रही है. भारतीय लोकतंत्र में विशेषकर राजस्थान में ऐसी परंपरा रही है कि यहां हमेशा अनुशासित तरीके से सदन चलता है. पहली बार जो यह घटना हुई है वह इस घटना की निंदा करते हैं. वहीं विधायक जी आर खटाणा ने कहा कि घटनाक्रम के समय वह सदन में मौजूद थे और जो कुछ वाकया सदन में हुआ उसके अनुसार गुढा ने लाल डायरी स्पीकर को देने का प्रयास किया तो अध्यक्ष ने गुढ़ा को कहा कि वह उनसे चेंबर में आकर मिले.
इस बीच धारीवाल कुछ बोलने लगे तो गुढा ने उनकी सीट पर आकर माइक को एक तरफ कर दिया. इसके बाद मार्शलो ने गुढ़ा को सदन से बाहर कर दिया यह घटना कोई अच्छी घटना नहीं है, लोकतंत्र और विधानसभा के इतिहास में यह अच्छी घटना नहीं कही जा सकती. इस तरह लोकतंत्र में नहीं चलता इस पर पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या डायरी में वास्तविक कुछ है या केवल अफवाह है तो खटाना ने कहा कि यह तो जिसने देखा है वही बता सकता है. हमने तो कुछ देखा नहीं कि उसमें अंदर क्या है हमने तो लाल डायरी को लहराते हुए देखा था जिसे गुढ़ा अध्यक्ष को दे रहे थे .