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Popcorn Brain: रील्‍स और शॉर्ट्स बढ़ा रहे पॉपकॉर्न ब्रेन की परेशानी, जर्मन यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने चौंकाया

Health News: अगर दिमाग एक विषय पर सोचते-सोचते तेजी से दूसरे और फिर तीसरे विषय पर भटक जाता है, तो इसे पॉपकॉर्न ब्रेन कहते हैं.आइए जानें कि पॉपकॉर्न ब्रेन कितना खतरनाक हो सकता है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है.

Popcorn Brain: रील्‍स और शॉर्ट्स बढ़ा रहे पॉपकॉर्न ब्रेन की परेशानी, जर्मन यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने चौंकाया
Popcorn brain

Popcorn Brain: क्या आपके दिमाग में एक ही समय में कई चीजें चलती रहती हैं? और उन्हें करते समय आपको यह सोचना पड़ता है कि पहले कौन सा काम करना है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो आपका दिमाग पॉपकॉर्न ब्रेन बन रहा है.यह दिमाग की वह स्थिति है जब व्यक्ति के विचार स्थिर नहीं होते और उसका ध्यान डगमगा जाता है. अगर दिमाग एक विषय पर सोचते-सोचते तेजी से दूसरे और फिर तीसरे विषय पर भटक जाता है, तो इसे पॉपकॉर्न ब्रेन कहते हैं.आइए जानें कि पॉपकॉर्न ब्रेन कितना खतरनाक हो सकता है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है. 

जानें रिसर्च क्या कहता है 

पॉपकॉर्न ब्रेन के प्रभावों को समझने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ कैनसस के जरिए किए गए एक शोध में 200 लोगों पर रिसर्च किया गया. इसमें पाया गया कि जो लोग सोशल और डिजिटल मीडिया का सबसे ज्यादा टच में रहते है उनपर यह अधिक असर करता है. इस पॉपकॉर्न ब्रेन के लक्षण उनमें अधिक पाए जाते हैं. इन लोगों को अपना ध्यान एक जगह लगाए रखने में काफी परेशानी होती है और वे लंबे समय तक किसी भी काम को नहीं कर सकते है. 

रील्‍स और शॉर्ट्स से बढ़ी समस्या

रील्‍स और शॉर्ट्स से बढ़ी समस्या
Photo Credit: Meta (AI)

रील्‍स और शॉर्ट्स बढ़ा रहे हैं पॉपकॉर्न ब्रेन की परेशानी

इस शोध में यह भी पता चला है कि सोशल मीडिया पर जल्दी मशहूर होने की वजह से हर उम्र के लोगों में पॉपकॉर्न ब्रेन की समस्या काफी बढ़ गई है.यहां समय बिताने वाला हर व्यक्ति कम समय में सेलिब्रिटी बनना चाहता है. इसके चलते वह हर 30 सेकंड में रील्स और शॉर्ट्स के जरिए कुछ नया करने की कोशिश करता रहता है. और उसे यहां पहले से पड़ी रील्स को देखकर कुछ अलग करने के आइडिया मिलते रहते हैं. इस वजह से हमारा दिमाग लगातार एक्टिव रहता है. उसे आराम करने का वक्त नहीं मिलता और इस वजह से हमारा दिमाग डोपामाइन रिलीज करता है. डोपामाइन वो हार्मोन है जो हमारे अंदर उत्साह रिलीज करता है.

इसके कारण हमारे दिमाग में कई किया होने लगती है. जो इस प्रकार हैं

ध्यान में कमी: पॉपकॉर्न ब्रेन के कारण आपका ध्यान एक जगह लगाना मुश्किल हो जाता है, जिससे पढ़ाई या काम में दिक्कत आती है.
नींद की कमी: लगातार दिमाग में ख्यालों के बवंडर से नींद भी प्रभावित होती है.
तनाव और चिंता: इस स्थिति के कारण आप अधिक तनाव और चिंता महसूस कर सकते हैं.
याददाश्त कमजोर होना: पॉपकॉर्न ब्रेन से आपकी याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है और आप चीजें भूलने लगते हैं.

बचने के उपाय

सोशल मीडिया से बनाएं दूरी: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहना नामुमकिन है, इसलिए अगर पूरी तरह नहीं तो कम से कम कभी-कभार इसे कम कर दें. इससे आपका दिमाग शांत रहेगा।
फिजिकल एक्टिविटी: हर रोज  व्यायाम करें या स्वयं ध्यान लगाने का प्रयास करें, इससे दिमाग को आराम मिलेगा.
नींद ठीक से लेना: रात भर जागकर अगर आप कंटेट तलाश करते है तो इससे आपकी सोने की साइकिल काफी खराब हो जाती है. इसलिए कम से कम 6से 7 घंटे की नींद पर्याप्त लें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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