School Going Kids: स्कूल पढ़ने जाने वाले बच्चों की पैरेंटिंग बहुत टेढ़ी खीर होती है. ऐसे में एक अनुशासन सबसे बड़ा हथियार होता है, जिससे बच्चों को परवरिश ही नहीं, उनके कुशाग्र बनाने में बड़ी भूमिका अदा करती है. अक्सर सक्सेसफुल पेरेंटिंग को लेकर बहस होती है कि पढ़ाई और खेल को लेकर स्कूल जा रहे बच्चों के साथ बैलेंस कैसे किया जाए.
आइए जानते हैं कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को किन बातों को ख्याल रखना चाहिए, जिससे उनका भावी भविष्य प्रभावित न हो. यहां हम ऐसे पांच गुण की चर्चा करेंगे, जिन्हें अपनाकर बच्चे सफल जीवन की ओर आगे बढ़ सकते हैं.
डिसिप्लिन और टाइम मैनेजमेंट: टॉपर्स अपने टाइम मैनेजमेंट में माहिर होते हैं. वे अपनी पढ़ाई, खेलकूद और दूसरी एक्टिविटीज के लिए समय को सही तरीके से बांटते हैं. आप भी अपने बच्चों को अनुशासन और समय के महत्व को समझाएं.
रेगुलर स्टडी: टॉपर्स रेगुलर स्टडी करते हैं. वे परीक्षा के समय में ही नहीं, बल्कि पूरे साल भर पढ़ाई करते हैं. इससे उन्हें विषयों की गहरी समझ होती है और वे जानकारी को अच्छी तरह से याद रख पाते हैं.
सेल्फ मॉटिवेशन: टॉपर्स में एक सेल्फ मॉटिवेशन होती है जो उन्हें अपने टारगेट की ओर बढ़ने में मदद करती है. वे अपनी सफलताओं और असफलताओं से सीखते हैं और हमेशा बेहतर करने की कोशिश करते हैं.
टीचर्स के साथ बातचीत: टॉपर बच्चे अपनी शंकाओं और प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए टीचर्स के साथ बातचीत करते हैं. वे क्लास में पार्टिसिपेट करते हैं और अपनी जिज्ञासाओं को बिना हिचकिचाहट के व्यक्त करते हैं.
एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना: टॉपर बच्चे केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि अन्य एक्टिविटीज में भी एक्टिव रहती हैं. वे स्पोर्ट्स, म्यूजिक, आर्ट आदि में भी अपनी रुचि दिखाते हैं जिससे उनका ऑलओवर डेवलपमेंट होता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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