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This Article is From Apr 19, 2024

छत्तीसगढ़: रमन सिंह के पूर्व सचिव के खिलाफ आय से अधिक मामला बंद, रायपुर की अदालत ने सुनाया फैसला

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की प्राथमिकी कोर्ट ने समाप्त कर दी है. भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2020 में एक RTI कार्यकर्ता के दावे के आधार पर इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

छत्तीसगढ़: रमन सिंह के पूर्व सचिव के खिलाफ आय से अधिक मामला बंद, रायपुर की अदालत ने सुनाया फैसला
कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ मामला बंद कर दिया है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद कर दिया है.

रायपुर की अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसके मुताबिक अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता है.  राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) - भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है.

भूपेश बघेल सरकार ने 2020 में दर्ज कराई थी प्राथमिकी

 मालूम हो कि राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2020 में एक RTI कार्यकर्ता के दावे के आधार पर इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 09/2020 दर्ज की थी. अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य ईओडब्ल्यू-एसीबी ने तीन साल तक जांच की और सिंह तथा उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को साबित करने में विफल रहा.

वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य ईओडब्ल्यू ने अंतिम रिपोर्ट दायर की थी. निचली अदालत ने अब अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए प्राथमिकी रद्द कर दी है. भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अमन सिंह, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में एक रसूखदार नौकरशाह और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे.

2022 में अमन सिंह ने नौकरी से दे दिया था इस्तीफा

अमन सिंह नवंबर 2022 में सेवा से इस्तीफा दे दिया और अडाणी समूह में शामिल हो गए. बिलासपुर उच्च न्यायालय ने दो साल पहले उक्त प्राथमिकी को रद्द कर दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2023 में इस आदेश पर रोक लगा दी. न्यायालय ने कहा कि जांच के स्तर पर प्राथमिकी को रद्द न किया जाए.

सिंह परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए प्राथमिकी का इस्तेमाल किया. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार ने कहा कि राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाना हतोत्साहित करने वाला है.

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