
नई दिल्ली. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में शनिवार (17 मई) को गिरफ्तार हुई ज्योति मल्होत्रा के बारे में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ज्योति चीन और पाकिस्तान समेत 8 देशों की यात्रा चुकी है. वह पाकिस्तानी ऑपरेटिव के संपर्क में थी. यह भी बात पता चला है कि ज्योति मल्होत्रा का पाकिस्तान में उन-उन जगहों तक जाने का एक्सेस था, जहां तक पहुंचना किसी पाकिस्तानी के लिए भी मुश्किल है. यह सब पाकिस्तान दूतावास के अधिकारी के साथ कनेक्शन चलते संभव हुआ. पुलिस की पूछताछ के बीच ज्योति को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है.
पाकिस्तान के बाद राजस्थान आई ज्योति
ट्रैवल ब्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने बीते दिनों ही पाकिस्तान की यात्रा की है. पाकिस्तान से लौटने के ज्योति राजस्थान भी आई. उसने अपने इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान और उसके बाद राजस्थान में उदयपुर और जयपुर की यात्रा से जुड़ी तस्वीरें शेयर की थी.
लग्जरी लाइफ के चक्कर में फंसी ज्योति
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि ज्योति व उसके जैसे अन्य इन्फल्यूएंसर के जरिये पाकिस्तान अपने देश की छवि सुधारने के लिए नरेटिव सेट करना चाहता था. थोड़े से सबस्क्राइबर, व्यू व लाइक्स और इजी मनी और लग्जरी लाइफ की चाहत में ज्योति दुश्मन देश के अधिकारियों की साजिश में फंस गई. ज्योति के यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख सब्सक्राइबर हैं. पुलिस ज्योति की फाइनेंसियल डिटेल खंगाल रही है.
पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी से संपर्क
सिविल लाइंस पुलिस थाने में 16 मई को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 2023 में ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आई, जहां वह पड़ोसी देश की यात्रा के लिए वीजा लेने गई थी. बता दें कि दानिश को भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को निष्कासित कर दिया था.

टेलीग्राम और स्नैपचैट से पाकिस्तानी लोगों से बातचीत
दो बार पाकिस्तान जा चुकी ज्योति, दानिश के परिचित अली अहवान से मिली थी, जिसने उसके वहां ठहरने की व्यवस्था की थी. अहवान ने ज्योति की पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों से मुलाकात कराई. इसके अलावा शाकिर और राणा शाहबाज से मुलाकात कराई.
किसी भी संदेह से बचने के लिए उसने शाहबाज का मोबाइल नंबर 'जट रंधावा' के नाम से दर्ज कर रखा था. वह व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिए इन लोगों के संपर्क में थी और उन्हें संवेदनशील जानकारी देती थी. उसने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कई बार दानिश से मुलाकात की और यह पाया गया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी.
यह भी पढे़ं-