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Prayagraj Mahakumbh 2025: पुरुष नागा से क‍ितनी अलग होती हैं महिला नागा साधु, क्‍या होता है इनका पहनावा 

Mahakumbh 2025:  नागा साधु रहस्‍य के केंद्र रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी केवल पुरुष नागा साधु ही नहीं, महिला नागा-साधु सुबह कब उठती हैं. उन्हें क्या कहा जाता है?, शाम को क्या करती हैं? क्या रहती है उनकी दिनचर्या? आज हम आपको महिला नागा साधुओं से जुड़ी कुछ रोचक और रहस्यमयी बातें बताने जा रहे हैं. 

Prayagraj Mahakumbh 2025:  महिला नागा साधु के अखाड़े अलग होते हैं. वेश-भूषा में अंतर होता है. मह‍िला नागा साधु  पुरुषों की तरह ही उनका जीवन भी पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित होता है. मह‍िला नागा को सभी साधु और साध्‍व‍ियां माता कहते हैं. माई बाड़ा, अखाड़ा में मह‍िलाएं नागा साधु होती हैं. प्रयागराज में 2013 में हुए कुंभ में माई बाड़ा को और बड़ा रूप देखकर दशनाम संन्‍यास‍िनी अखाड़ा का न‍ाम द‍िया गया. 

नागा एक पदवी है 

नागा एक पदवी होती है. साधुओं में वैष्‍णव, शैव और उदासीन तीनों ही संप्रदायों के अखाड़े नागा बनाते हैं. पुरुष साधुओं को सार्वजन‍िक तौर पर नग्‍न होने की अनुमत‍ि है, मगर मह‍िला नागा साधु को इसकी अनुमति‍ नहीं है. 

केवल एक कपड़ा पहन सकती हैं मह‍िला नागा साधु 

नागा में बहुत साधु वस्‍त्रधारी और ब‍हुत साधु द‍िगंबर यानी ब‍िना कपड़ा के होते हैं. लेक‍िन, महिलाएं भी जब संन्‍यास में दीक्षा लेती हैं तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है. लेकिन, वे सभी कपड़े पहनती हैं. मह‍िला नागा साधुओ को अपने माथे पर एक त‍िलक लगाना होता है. उन्हें एक ही कपड़ा पहनने की अनुमत‍ि होती है, ज‍िसका रंग गुरुआ होता है. 

ब‍िना स‍िले कपड़े पहनने होते हैं 

मह‍िला नागा साधु ब‍िना स‍िला हुआ कपड़ा पहनती हैं, ज‍िसे गंती कहा जाता है. नागा साधु बनने से पहले मह‍िला को 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. जब मह‍िलाएं ये कर ले जाती हैं, तो उन्हें मह‍िला गुरु नागा साधु बनने की अनुमति‍ दे देते हैं. 

ज‍िंदा ही खुद का कर लेते हैं प‍िंडदान 

मह‍िला नागा साधु को यह साब‍ित करना होता है क‍ि वह पूरी तरह से ईश्‍वर को समर्प‍ित हो चुकी हैं. अब उसका सांसार‍िक मोह माया से लगाव खत्‍म हो गया है. महिला नागा साधु को खुद ही अपना प‍िंडदान करना होता है. प‍िछली ज‍िंदगी को पीछे छोड़ना होता है. मह‍िलाओं को सन्‍यासी बनाने की प्रक्रिया अखाड़ों के सर्वोच्च पदाध‍िकारी आचार्य महामंडलेश्‍वर पूरी कराते हैं. 

दिनभर भगवान का जाप करती हैं 

मह‍िला नागा साधु भोर में नदी में स्‍नान करती हैं. इसके बाद मह‍िला नागा साधु साधना शुरू करती हैं. अवधूतानी मां पूरा द‍िन भगवान का जाप करती हैं. सुबह उठकर श‍िव आराधना करती हैं. शाम में भगवान दत्‍तात्रेय की पूजा करती हैं.  

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