
World Sparrow Day Special: आंगन में फुदकने वाली गौरेया चिड़िया के संरक्षण के लिए विश्वभर में गौरैया दिवस 20 मार्च को मनाया जाता है, जो आज कहीं खो सी गई है. गौरेया को सबसे अधिक नुकसान तकनीकी ने पहुंचाया है, लेकिन राजस्थान के देवगढ़ के नेहरु युवा केंद्र के करियर महिला मंडल की महिलाओं ने विलुप्त की कगार पर पहुंच चुकी गौरेया के संरक्षण के लिए के अनूठी मुहिम शुरू की है.
रिपोर्ट के मुताबिक विशेष तोर पर बेटी के जन्मदिन पर बर्ड हाउस लगाया जाता है. इस अभियान से अब तक कई संस्थान और लोग जुड़ चुके है और नन्हीं गौरैया घर,आंगन व विद्यालयों में चीं-चीं की सुमधुर ध्वनि करती हुई दिखाई दे रही है. गौरैया संरक्षण के लिए किए जा रहे अनूठे प्रयास की जिले के उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी सराहना करते नहीं थकते हैं.
महिला मंडल की टोली कई जगह पर महिलाओं को गौरेया सखी के रूप में भी नियुक्त कर रही है. संस्था द्वारा अब तक 100 से ज्यादा महिलाओं को गौरिया सखी बनाया जा चुका. इतना ही नहीं, युवाओं की टोली इन सभी को विशेष शपथ भी दिलाती है और गौरिया सखी द्वारा मिट्टी के बर्तन वितरित किए जाते हैं.
कोरोना लॉकडाउन में पक्षियों को भूख-प्यास से तड़पते देखा महिला मंडल ने गौरेया चिड़िया के संरक्षण का बीणा उठाया और सेल्फी विद परिंदा अभियान शुरू किया. घरों के बाहर छोटी चिड़िया गौरैया आने लगी तब गौरैया के लिए स्थाई घर बनाने का आइडिया आया और सोन चिड़िया मेरी बेटिया अभियान की शुरुवात की गई.
गौरतलब है हमारे जीवन का हमेशा से अभिन्न अंग रही गौरेया अब विलुप्त होने को है. प्राकृतिक मित्र और पर्यावरण में सहायक माने जाने वाली गौरेया बहुत कम दिखाई देते हैं. इसलिए गौरेया के सरंक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर ऐसे मुहिम की जरूरत है, वरना भविष्य में गौरेया सिर्फ किताबों और स्मरण का हिस्सा बन कर रह जाएंगी.
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