Health News: राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान 49 के पास पहुंच चुका है. डॉक्टर्स लगातार लोगों से शरीर को डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अपडेट दे रहे हैं. वहीं धूप में निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखने और आंखों में गॉगल्स लगाकर निकलने की सलाह दी जा रही है. क्योंकि आजकल लोगों में 'आई स्ट्रोक' का खतरा बढ़ रहा है. लोग गर्मियों से बचने के तमाम उपाय करते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में अक्सर अपनी आंखों की सुरक्षा करना भूल जाते हैं, जिसके कारण 'आई स्ट्रोक' जैसे मामले आए दिन सामने आ रहे है.
क्या होता है 'आई स्ट्रोक'
गर्मी के मौसम में रेटिना पर ब्लड के थक्के जमने की समस्या हो सकती है. ये थक्के आंखों में ऑक्सीजन के फ्लो को रोकते हैं, जिससे रेटिना में नुकसान पहुंचता है. इसलिए आखों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि शरीर में होने वाले हर रोग का प्रभाव आखों पर भी महसूस होता है. ये रोग डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा, तनाव न केवल हृदय और गुर्दे पर प्रभाव डालते हैं, बल्कि नेत्र को भी कमजोर कर सकते हैं.
लू का आंखों पर वार
बढ़ती गर्मी के कारण जो हवाएं चलती है, उनमें गर्माहट रहती है जो चेहरे और आंखों पर लगने से बुरा प्रभाव डालती है. ऐसे में निम्न कारणों के कारण लू आंखों पर बुरा प्रभाव डालती है. क्योंकि तीखी धूप के कारण आंखों में एलर्जी और 'कॉर्नियल सेल्स' में इंफ्लेमेशन होती है, जिससे आंख में परेशानी होती है. साथ ही धूप में खुली आंख रखने के कारण उसमें सूजन भी सामने आती है. साथ ही ड्राइनेस का रूप ले लेती
'आई स्ट्रोक' कैसे होता है
इन सब के कारण आंखों के रेटिना पर खून के थक्के जमने के साथ साथ आखों में ऑक्सीजन का फ्लो रुकने लगता है. जिसके कारण 'आई स्ट्रोक' होता है. इसके होने के बाद
'आई स्ट्रोक' के लक्षण
आपकी आंख के चारों ओर तैरते हुए कुछ ग्रे रंग के धब्बे नजर आते हैं. साथ ही इसमें एक तरफ या पूरी आंख से धुंधला दिखाई देने लगता है. जिसपर तुरंत डॉक्टरी सलाह न लेने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है. लेकिन कभी कभी ये स्ट्रोक बिना दर्द वाला होता है या कई बार यह केवल आंख में भारीपन महसूस कराता है. वहीं ज्यादा खतरनाक होने पर ये आंखों के रेटीना पर प्रभाव डालता है और उसमें खून के धब्बे जमने लगते है. जिसके कारण बाद में रेटीना काफी लाल दिखाई देने लगती है.
आई स्ट्रोक का उपचार
आखों के आस-पास अच्छी तरह से मसाज करने से उसके पीछे का संवेदनशील भाग यानी रेटीना खुलने लगता है.
पानी खूब पिएं जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की कमी न हो.
अच्छे ब्रांड के गॉगल्स का प्रयोग धूप में निकलने पर करें, जिससे आखों पर सूरज की किरणें सीधे तौर पर न पड़े.
आर्टरीज के बंद को खोलने के लिए कार्बन डायॉक्साइड का प्रयोग किया जाता है. इससे रेटीना तक ऑक्सीजन और बल्ड का फ्लो अच्छा होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी देती करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.