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पाचन तंत्र को मजबूत तो मन को शांत करता है ये सरल आसन, जानें करने का तरीका

वज्रासन के अभ्यास की विधि भी बेहद सरल है. इसे करने के लिए समतल और साफ जगह पर चटाई बिछाएं.

पाचन तंत्र को मजबूत तो मन को शांत करता है ये सरल आसन, जानें करने का तरीका
फाइल फोटो.

योगासन के अभ्यास से कई समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, वज्रासन एक ऐसी मुद्रा है जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करती है, बल्कि जांघों और पिंडलियों को ताकत भी देती है.खास बात है कि वज्रासन न केवल शरीर बल्कि मन को भी शांति प्रदान करता है. यह योग मुद्रा शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करने का एक आसान तरीका है.

वज्रासन को दिनचर्या में करें शामिल 

आयुष मंत्रालय वज्रासन को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है. मंत्रालय के अनुसार, यह एक ऐसी सरल योग मुद्रा है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है. नियमित अभ्यास से आप न केवल पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि अपने मन को शांत और ऊर्जावान भी बना सकते हैं.

कूल्हों को एड़ियों पर टिका दें 

सबसे पहले घुटनों के बल बैठें और अपने कूल्हों को एड़ियों पर टिका दें. दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले होने चाहिए, और एड़ियां थोड़ी खुली रहें. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर हथेलियां नीचे की ओर रखें. आंखें बंद करें और सामान्य रूप से गहरी सांस लें. शुरुआत में 2-3 मिनट तक इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं. इसके बाद धीरे-धीरे पहले की अवस्था में आएं.

वज्रासन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है 

वज्रासन का अभ्यास सरल है, लेकिन इसके कई लाभ हैं. यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे अपच, कब्ज और वात जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. यह भोजन के बाद होने वाली जलन में भी विशेष रूप से लाभकारी है. यह जांघों, पिंडलियों और टखनों को मजबूत करता है, जिससे पैरों की मांसपेशियां लचीली बनती हैं. इसके अलावा, यह मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है. नियमित अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

वज्रासन में कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी 

योग एक्सपर्ट बताते हैं कि वज्रासन करने के कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इस आसन को करते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी हैं. घुटनों या टखनों में दर्द या चोट होने पर इसे न करें. गर्भवती महिलाएं और गठिया रोगी बिना विशेषज्ञ की सलाह के इस आसन से बचें. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से असुविधा हो सकती है, इसलिए शुरुआत में कम समय के लिए अभ्यास करें. हमेशा आरामदायक सतह पर बैठें और शरीर को जबरदस्ती न मोड़ें.

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