Rajasthan Politics: भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में मदन राठौड़ को अपनी प्रादेशिक ईकाई का नेतृत्व सौंपा है. वह सीपी जोशी की जगह राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गए हैं. लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन के बाद अब मदन राठौड़ पर पार्टी का जनाधार फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी होगी. उनके लिए पहली चुनावी परीक्षा इसी साल 5 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में होगी. यह सीटें यहाँ के विधायकों के सांसद चुने जाने से खाली हुई हैं. मगर बीजेपी ने अपने जिस नेता को राजस्थान में पार्टी का नेतृत्व सौंपा है वह एक समय बीजेपी से बगावत करने जा रहे थे.
मदन राठौड़ राजस्थान के पाली जिले की एक मजबूत राजनीतिक शख्सियत हैं. पाली के ही रायपुर गांव में उनका जन्म हुआ. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े और 1980 के दशक में बीजेपी में शामिल होकर सक्रिय राजनीति करने लगे. जब उन्हें पहली बार चुनावी राजनीति में पैर रखने का मौका मिला तो उन्होंने अपने गृह जिले की ही सुमेरपुर सीट से भाग्य आजमाया.
वह सुमेरपुर से दो बार विधायक चुने गए. पहली बार वर्ष 2003 में और दूसरी बार वर्ष 2013 में. इन दोनों ही चुनावों में बीजेपी ने चुनाव जीत कर वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. वर्ष 2013 से 2018 तक वह राजस्थान विधानसभा में पार्टी के उप- मुख्य सचेतक रहे. 2018 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने.
2023 के विधानसभा चुनाव में जब कटा टिकट
मगर वर्ष 2023 में जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सीटों का एलान किया तो सुमेरपुर की सीट से मदन राठौड़ का टिकट कट गया. मदन राठौड़ और उनके समर्थक इससे इतने निराश हुए कि उन्होंने बगावत की तैयारी कर ली.
उन्होंने सुमेरपुर की सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी कर डाला. यही नहीं, 6 नवंबर को उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी एक चुनावी रैली भी की. अपने ही एक पूर्व विधायक के निर्दलीय चुनाव लड़ने से बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव में एक मुश्किल परिस्थिति बन गई थी. और तब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक चार्टर्ड प्लेन से सुमेरपुर पहुंचे.
जब पीएम मोदी ने मदन राठौड़ को किया फोन
गजेंद्र सिंह शेखावत इसके बाद मदन राठौड़ से मिलने पहुंचे, और कुछ समय बाद मदन राठौड़ के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया. और इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया. मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने तब खुद बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन किया था और नामांकन 'विड्रॉ' करने के लिए कहा. मदन राठौड़ ने प्रधानमंत्री की बात मान ली.
सुमेरपुर की सीट से बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई. इस चुनाव के चार महीने बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बना दिया. और अब बीजेपी ने मदन राठौड़ को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
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