
Daughters of Rajasthan: राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पुरुष प्रधान है, जहां बेटी होना अभिशाप माना जाता है, जबकि देश की बेटियां वर्तमान में हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं. ताजा उदाहरण जिले के देवीकोट कस्बे की राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां पढ़ने वाली 17 बेटियों का सरकार ने राज्यपाल अवॉर्ड के लिए चुना है.
गौरतलब है जैसलमेर में स्काउट में बच्चों की संख्या ठीक है, लेकिन गाइड में बालिकाओं की संख्या कम है. ऐसे में कम होने के बावजूद बेटियां ना सिर्फ गाइड में भर्ती हुई, बल्कि अपनी मेहनत से राज्यपाल पुरस्कार तक पहुंच गई. स्काउट गाइड कैप्टन भारती शर्मा ने 17 बच्चियों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण दिया था.
गाइड कैप्टन भारती शर्मा बताती है कि इन बच्चियों को राज्यपाल प्रशिक्षण पूर्ण करवाने तक में पूर्व सीओ सवाईसिंह, वर्तमान सीओ नरेंद्र खोरवाल, नवीनसिंह, पीईईओ पदमाराम, विद्यालय प्रधानाचार्य भंवरलाल व सभी स्टाफ का सहयोग रहा. सभी ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इन बालिकाओं की हौंसला अफजाई की.इसके चलते ही बालिकाओं ने राज्यपाल पुरस्कार परीक्षा भी पास कर ली.उम्मीद है आगे भी ऐसे ही बेटियां जैसलमेर का नाम रोशन करती रहेगी.
इन 17 बेटियों का होगा सम्मान
भाग्यश्री, ज्योति चौहान, लक्षिता, धापू, सरोज कंवर, सावित्री, खुशबू, कुमकुम, संतु, कशिश, लक्ष्मी, ममता, ममता कंवर, किरण राखेचा, वर्षा राखेचा, जिविदा व पूजा का चयन राज्यपाल पुरस्कार के लिए हुआ है. इन गाइड बालिकाओं का चयन करवाने में सबसे बड़ी भूमिका गाइड कैप्टन भारती शर्मा ने निभाई.
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