Pride of Rajasthan Divyakiti SIngh: देश को घुड़सवारी में 41 साल के लंबे अंतराल के बाद ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने वाली और भारतीय घुड़सवारी ड्रेसाज टीम की सदस्य राजस्थान की दिव्यकृति सिंह को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया. इस उन्हें यह अवॉर्ड एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में शानदार प्रदर्शन के लिए दिया गया है.
पिता ने दिया साथ तो चमक गई बेटी
दिल्ली विश्वद्यालय के मनोविज्ञान पढ़ाई की पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने दो साल तक किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया, क्योंकि उनके पास प्रतियोगिता में भाग लिए घोड़ा नहीं था. लेकिन उनके पिता ने अपनी बेटी के हुनर को पहचाना और जर्मनी से एक घोड़ा खरीदकर प्रोत्साहित किया. घोड़े की मदद से बाद उन्होंने अपनी आगे की ट्रेनिंग पूरी की, जिसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय टीम एशियाई खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर सकी.
दिव्यकृति की यहां से हासिल की शिक्षा
दिव्यकृति ने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ही यूरोप में (नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया) में ट्रेनिंग ले रही थीं. इतना ही नहीं, उन्होंने दुनिया में घुड़सवारी की राजधानी माने जाने वाले वेलिंगटन-फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ट्रेनिंग ली है.
हर साल वितरित किए जाते हैं अवॉर्ड
युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कार हर साल खेल की दुनिया में भारत (India) का नाम ऊंचा करने वाले धुरंधर खिलाड़ियों को अलग-अलग अवॉर्ड देती हैं. राजस्थान की दिव्यकृति के अलावा मध्य प्रदेश की तीन खिलाड़ियों को इस बार अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है
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