Panther Attack in Pali: मानव और जंगली जानवरों के बीच टकराव की कई खबरें आपने सुनी होंगी. मगर कई बार यह टकराव किसी के जानलेवा तो किसी के लिए खतरनाक अनुभव जैसा होता है. राजस्थान के पाली जिले में पैंथरों की संख्या बढ़ने से वन अधिकारियों और पर्यावरण के जानकारों में उत्साह है. वहीं उस जंगल के पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए पैंथरों की यह बढ़ती संख्या उनकी जान का खतरा बन गई हैं.
हाल ही में पाली जिले के सुमेरपुर के खिंदारा गांव में पैंथर के हमले की घटना सामने आई है. जहां शिकार की तलाश में आया पैंथर पहले तो खेत में घुस गया फिर अपनी जान बचाने के लिए जब वह खेत से बाहर निकला तो वह खेत की तारबंदी में फंस गया. दरअसल वन विभाग की टीम को पाली जिले के सुमेरपुर के खिंदारा गांव की ओर जाने वाले मार्ग पर खेत की तारबंदी में पैंथर फंसने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही गाँव में हड़कंप मच गया. और पैंथर को देखने के लिए लोगो का जमावड़ा शुरू हो गया.
लोगों ने पैंथर को तारबंदी में फंसा देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी. मौके पर ग्रामीण भी एकत्रित हुए. वहीं क्षेत्रीय वन अधिकारी (RFO) ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के लिए जोधपुर के माचिया पार्क से पशु चिकित्सक को बुलाया. जैसे ही पैंथर का रेस्क्यू शुरू किया बाड़ के फंदे में फंसा पैंथर अचानक बाहर निकलते ही सरसों की फसल की तरफ भाग गया. जिसे ढूंढते हुए जब वन विभाग की टीम व ग्रामीण पहुंचे तो पैंथर ने डॉक्टर व वहां खड़े व्यक्ति को झपट लिया.
फिर पैंथर भागकर सरसो के खेत में जाकर बैठ गया. वन विभाग के कर्मचारी श्रवण सिंह द्वारा पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में बंद कर दिया गया. और ईलाज के लिए सुमेरपुर लाया गया है. जहां पशु चिकित्सको ने पैंथर के स्वास्थ्य की जांच की.
पशु चिकित्सक ने बताया कि पैंथर नर है. और उसकी उम्र करीब 9-10 साल है. फिलहाल पैंथर को जवाई बांध में रखा गया है. उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद वन अधिकारी पैंथर को फिर से वन में छोड़ने पर निर्णय लेंगे.
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