
Rajasthan News: राजस्थान के जंगलों और वनयप्रमियों का सहारा रह चुके वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया गया है. उन्हें दिल्ली में एशिया इको टूरिज्म नेटवर्क के जरिए आयोजित ग्लोबल वाइल्डलाइफ फेयर कार्यक्रम में मरणोपरांत सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार सोमवार को दिल्ली में एशिया इको टूरिज्म नेटवर्क द्वारा आयोजित ग्लोबल वाइल्डलाइफ फेयर कार्यक्रम में राधेश्याम विश्नोई के मार्गदर्शक सुमित डुकिया को यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
गोडावण संरक्षण के लिए उनका योगदान रहा काफी सराहनीय
जैसलमेर जिले के धोलिया गांव निवासी राधेश्याम बिश्नोई ने अपना जीवन वन्यजीवों के संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया था. क्षेत्र में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण में उनका योगदान काफी सराहनीय रहा. उन्होंने वर्षों तक सैकड़ों हिरणों, गिद्धों, बाजो, गायों, नीलगाय और प्रवासी सारसों सहित अन्य वन्यजीवों की जान बचाई.
सैकड़ों वन्यजीवों किया था सफल रेस्क्यू
राधेश्याम विश्नोई ने लाठी, धोलिया, भादरिया और खेतोलाई जैसे इलाकों में दर्जनों पानी की टंकियां बनवाकर जंगली जानवरों के लिए पीने के पानी की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की थी. इसके अलावा, उन्होंने पिछले कई वर्षों में सैकड़ों जंगली जानवरों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू भी किया था. वे पैमाणी की ओर से हर साल आने वाले प्रवासी सारसों के लिए भोजन-पानी और बीमार पक्षियों के इलाज की व्यवस्था भी करते थे.

सम्मान लेते हुए मार्गदर्शक सुमित डुकिया
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जीवरक्षा के लिए हर साल दिया जाता है ये सम्मान
इस मौके पर मौजूद ईआरडिएस फाउंडेशन के निदेशक डॉ . ममता रावत ने बताया कि दिल्ली में एशिया इको टूरिज्म नेटवर्क के जरिए हर साल लंबे समय से प्रकृति संरक्षण और जीव रक्षा के लिए बलिदान देने वाले वन्यजीव प्रेमियों को सम्मानित किया जाता है. इसी के अंतर्गत धोलिया गांव के वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई का इसके लिए चयन किया गया.
सड़क हादसे में गई थी जान
राधेश्याम विश्नोई गत 23 मई को अपने तीन अन्य साथियों के साथ हिरण शिकार की सूचना पाकर घटनास्थल पर जा रहे थे, तभी सड़क हादसे में उनका निधन हो गया था.
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