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केंद्र सरकार ने नहीं भेजी ST छात्रों की छात्रवृत्ति, 14964 स्टूडेंट्स दो साल से कर रहे स्कॉलरशिप का इंतजार

छात्रवृत्ति में हो रही देरी के बारे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने कहा कि एसटी वर्ग की छात्रवृत्ति का बजट केंद्र से नहीं आया है. इस कारण देरी हो रही है.

केंद्र सरकार ने नहीं भेजी ST छात्रों की छात्रवृत्ति, 14964 स्टूडेंट्स दो साल से कर रहे स्कॉलरशिप का इंतजार
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Post Matric Scholarship: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में 14 हजार से अधिक कॉलेज स्टूडेंट्स को पिछले दो साल से छात्रवृत्ति का इंतजार है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत मिलने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति कॉलेज विद्यार्थियों को बजट के अभाव में नहीं मिला है. ये राशि करीब 22 करोड़ रुपए की है. इधर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से परेशान छात्र विद्यार्थी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है.

दरअसल डूंगरपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से कॉलेज विद्यार्थियों को उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है. जिसके तहत डूंगरपुर जिले में प्रतिवर्ष प्रत्येक वर्ग के करीब 27 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है. लेकिन डूंगरपुर जिले में एसटी सहित अन्य वर्ग के कॉलेज विद्यार्थियों को पिछले दो वित्तीय वर्ष वर्ष 2022-23 और 2023-24 की छात्रवृत्ति नहीं मिली है. जिसकी राशि करीब 22 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

एसटी वर्ग के विद्यार्थियो की संख्या अधिक 

छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे डूंगरपुर जिले के 14 हजार 964 छात्रों में से सर्वाधिक संख्या एसटी वर्ग के छात्रों की है. मिली जानकारी के अनुसार कुल 14 हजार 964 विद्यार्थियों में से 14 हजार 433 विद्यार्थी एसटी वर्ग के हैं. जिन्हें दो साल से छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है. इनमें से कई बच्चें ऐसे हैं, जिनके परिवार की माली हालत बेहद खराब है. ऐसे में वैसे बच्चों की परेशानी बढ़ गई है.

केंद्र से बजट नहीं आने के कारण दो रही देरी

छात्रवृत्ति में हो रही देरी के बारे में डूंगरपुर जिला के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने कहा कि एसटी वर्ग की छात्रवृत्ति का बजट केंद्र से नहीं आया है. इस कारण देरी हो रही है. उन्होंने बताया कि छात्रों का बिल पहले से ही बनाकर भेजा जा चुका है.

समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से विद्यार्थी परेशान

दूसरी ओर छात्रों ने बताया कि जनजाति क्षेत्र होने के चलते आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति पर ही निर्भर है. लेकिन छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया की छात्रवृत्ति को लेकर वे कॉलेजों और समाज कल्याण विभाग का कई बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कही से भी राहत नहीं मिली है.

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