Ajmer Rape Case: राजस्थान के अजमेर जिले से शुक्रवार को एक बड़ा मामला सामने आया. यहां पोक्सो कोर्ट संख्या एक ने एक महत्वपूर्ण फैसले में रेप केस में दोषी को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई. साथ ही उसपर 70 हजार का जुर्माना भी लगाया. जिस मामले में कोर्ट ने यह फैसला दिया उसकी कहानी भरोसे का कत्ल और रिश्ते को शर्मसार करने वाली है. दरअसल इस केस का दोषी ने अपने पड़ोस में रहने वाली 5 साल की मासूम बच्ची को हवस का शिकार बनाया था. वह बच्ची आरोपी चाचू कहकर पुकारा करती थी. लेकिन इसके बाद भी उक्त आरोपी ने सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए उसके साथ दरिंदगी की.
फैसले में अदालत ने तल्ख टिप्पणी की कि जिस पड़ोसी को बच्ची चाचू कहती थी, उसी ने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाकर विश्वास के रिश्ते को तोड़ा है. ऐसे अपराधी के प्रति नरम रुख अपनाना न्यायोचित नहीं होगा. और ऐसे में माता-पिता अपने पड़ोसी युवको पर भरोसा करना छोड़ देंगे.
पीड़िता के माता-पिता आरोपी के भरोसे बच्ची को छोड़ काम पर जाते थे
शुक्रवार को पोक्सो कोड संख्या एक अजमेर के विशिष्ट न्यायाधीश बन्ना लाल जाट आरोपी को दुष्कर्म के आरोप में जीवनभर के लिए उम्रकैद व 70 हजार रुपए अर्थदंड और (पॉक्सो एक्ट) के तहत जीवनभर तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई. जिला लोक अभियोजन रुपिंदर परिहार बताया कि आरोपी के खिलाफ 18 गवाहों के साक्ष्य करवाकर अपराध साबित किया. आरोपी पीड़िता के घर के पास रहता रहता था और बच्ची के माता-पिता काम पर जाते तब पड़ोसी के घर देखरेख के लिए छोड़ जाते थे. आरोपी को बच्ची चाचू कहकर पुकारती थी.
बच्ची ने कहा- चाचू टॉफी दिलाने लेकर गए थे और मेरे ऊपर लेट गए
परिहार के मुताबिक घटना 1 जून 2023 अजमेर के श्रीनगर थाना क्षेत्र की है. जहां 5 वर्षीय बच्ची को घर पर अकेला देख पड़ोस में रहने वाला युवक टॉफी दिलाने के बहाने उसे सुनसान जंगल में ले गया और उसके साथ गलत काम किया. इस दौरान बच्ची के परिजनों ने बच्ची की खूब तलाश की बच्ची जंगल में रोती हुई मिली और बच्ची की हालत चिंताजनक थी. नाबालिक बच्ची के परिजन सीधे श्रीनगर थाने में पहुंचे जहां आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया वहीं श्रीनगर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 343,323,376, और पोक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
पड़ोसी ने किया विश्वासघात इसलिए आजीवन कारावास की सुनाई सजा
माननीय न्यायाधीश बन्ना लाल जाट ने फैसले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा- यह स्पष्ट प्रमाणित है कि पांच वर्षीय पीड़िता जिस पड़ोसी युवक को चाचू बोलती थी, उसी ने पीड़िता के माता-पिता के विश्वास का रिश्ता तार-तार किया है, जो अपनी पुत्री को देखरेख के लिए आरोपी के यहां छोड़कर जाते थे, किंतु आरोपी ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया.
ऐसे अपराधी के लिए नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता। इसलिए आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवन के लिए सजा सुनाई जाती है और उसे अंतिम सांस तक जेल में रखा जाए. सरकारी अधिवक्ता रुपिंदर परिहार ने कहा कि माननीय न्यायालय ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 8 लाख रुपए अलग से दिलाए जाने के आदेश प्रदान किए हैं.
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