
Jaipur News: जयपुर में थैलीसीमिया से पीड़ित 8 साल के हिमांशु सैनी को 2 घंटे के लिए गांधीनगर थाने का सीआई बनाया गया. इस दौरान हिमांशु को पुलिस की वर्दी में सीआई की कुर्सी पर बैठाया गया. हिमांशु ने सीआई के रूप में थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. पुलिसकर्मियों के साथ चाय पीने के दौरान हिमांशु ने ड्यूटी और परिवार को लेकर सवाल भी पूछे.
ये पहल करने वाले गांधी नगर थाने के सीआई उदयभान यादव का कहना है कि बांदीकुई निवासी हिमांशु सैनी को थैलेसीमिया के उपचार के लिए हर महीने जयपुर आना पड़ता है. उसके पिता से हुई बातचीत में पता चला कि हिमांशु पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है. उसकी पुलिस की वर्दी पहनने की ईच्छा है. यही वजह है कि उसे दो घंटे का सीआई बनाया गया.
क्या है थैलेसीमिया बीमारी?
थैलेसीमिया एक आनुवंशिकी रक्त विकार है, जो शरीर की सामान्य हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने की क्षमता को प्रभावित करता है. ऐसे रोगी कम हेल्दी हीमोग्लोबिन प्रोटीन का उत्पादन करते हैं, उनकी अस्थि मज्जा कम हेल्दी रेड ब्लड सेल्स प्रोड्यूस करती है. भारत में हर साल लगभग 10,000 बच्चे थैलेसीमिया के साथ पैदा होते हैं.
किसी व्यक्ति को किस प्रकार का थैलेसीमिया हो सकता है
थैलेसीमिया के विभिन्न प्रकार होते हैं और किसी व्यक्ति को किस प्रकार का थैलेसीमिया हो सकता है, यह उन दोषपूर्ण जीनों की संख्या पर निर्भर करता है जो उन्हें विरासत में मिले हैं. थैलेसीमिया मुख्यतः 2 प्रकार का होता है एक, बीटा थैलेसीमिया जो प्रमुख और लघु उपप्रकारऔर दूसरा अल्फा थैलेसीमिया यह हीमोग्लोबिन एच और भ्रूण हाइड्रोप्स उपप्रकार है.
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