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This Article is From Jan 09, 2024

करणपुर सीट पर बीजेपी की हार के इस कारण से होगी हैरानी, बच सकता था सुरेंद्रपाल सिंह टीटी का मंत्री पद

करणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह की हार हुई है. लेकिन उनकी जीत हो सकती थी. बीजेपी को हरान के लिए आप ने बड़ी भूमिका निभाई है.

करणपुर सीट पर बीजेपी की हार के इस कारण से होगी हैरानी, बच सकता था सुरेंद्रपाल सिंह टीटी का मंत्री पद
करणपुर में क्यों हारी बीजेपी.

Rajasthan News: राजस्थान के करणपुर विधानसभा सीट (Karanpur Election) पर चुनाव तो खत्म हो गया है. वहीं, इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी (Surenderpal Singh TT) की करारी हार हुई है. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर (Rupinder Singh Kooner) की जीत हुई है. बीजेपी को इस सीट पर जीत का पूरा विश्वास था. क्योंकि पार्टी ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को जीताने के लिए उन्हें मंत्री पद देने का बड़ा दांव खेला था. हालांकि, इस दांव की वजह से करणपुर को जीतना बीजेपी (BJP) के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई थी. हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी को सफलता हासिल नहीं हो सकी. वहीं करणपुर में कांग्रेस (Congress) की जीत को लेकर कहा जा रहा है कि यह सहानुभूति की जीत है. हालांकि, इसके की अन्य कारण भी हैं जिसकी समीक्षा बीजेपी जरूर कर रही होगी.

करणपुर विधानसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर को 94950 वोट मिले हैं. जबकि बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को 83667 वोट मिले हैं. यानी रुपिंदर सिंह को 11283 वोटों से जीत हासिल हुई है. हालांकि सुरेंद्रपाल सिंह टीटी जीत सकते थे. ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी की हार का कारण आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार है. 

आप बना बीजेपी का हार का कारण

करणपुर विधानसभा सीट के परिणाम को देखा जाए तो इस बात की चर्चाएं खुब हो रही है कि अगर आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में नहीं होता तो बीजेपी की जीत हो सकती थी. दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी को 94950 वोट मिले. वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 83667 वोट मिले. वहीं आम आदमी पार्टी के पृथीपाल सिंह को 11940 वोट मिले. यानी रुपिंदर सिंह और सुरेंद्रपाल के बीच 11283 वोटों का अंतर है. वहीं, पृथीपाल सिंह को 11940 वोट मिले. अगर ये वोट सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मिल जाते तो वह निश्चित रूप से जीत दर्ज करते और उनका मंत्री पद भी बच जाता है.

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राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है अगर आम आदमी पार्टी प्रत्याशी मैदान में नहीं होता तो बीजेपी जीत जाती. उनका कहना है कि अब तक आम आदमी पार्टी गुजरात-गोवा और अन्य कई राज्यों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा चुकी है. लेकिन राजस्थान के करणपुर सीट पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को हराने की भूमिका निभाई है.

कांग्रेस को मिली पूरी सहानुभूति

करणपुर विधानसभा सीट कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर की जीत के लिए पार्टी नेताओं ने बार-बार अपील की थी कि रुपिंदर सिंह को जीताकर गुरमीत सिंह कुन्नर को श्रद्धांजलि दी जाए. वहीं, बीजेपी भी इस बात को जान रही थी कि, रुपिंदर सिंह का पलड़ा गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की वजह से भारी है. इसी वजह से उन्हें मंत्री पद दिया गया. लेकिन सुरेंद्रपाल सिंह की हार हो गई. और उन्हें महज 20 दिनों में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

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