
Rajasthan News: राजस्थान में नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए मकान तोड़ने को लेकर कई मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें नगर परिषद अपनी मनमानी कर रहा है. अजमेर में भी नगर परिषद ने एक डॉक्टर के घर को बिना नोटिस दिए तोड़ दिया और उसके साथ मारपीट भी की गई. जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया और इसे लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं अब ऐसा ही एक मामला प्रदेश के बारां जिले से भी सामने आया है.
नोटिस जारी किए बिना दी धमकी
जहां नगर परिषद अधिकारियों ने झालावाड़ रोड़ आमापुरा निवासी करण सिंह कुशवाह को मकान तोड़ने की मौखिक धमकी दी है. नगर परिषद अधिकारियों द्वारा बिना नोटिस जारी किए बिना ही पीड़ित को मकान खाली करने और तोड़ने की धमकी दी है. पीड़ित अब अपनी फरियाद लेकर बारां नगरा परिषद पहुंचा है.
सामानों के नहीं मिलेंगे नामोनिशान
पीड़ित ने बताया कि मेरे निवास स्थान पर नगर परिषद से भुवनेश मीणा और मानसिंह मीणा साथ में अन्य 2-3 कर्मचारी पहुंचे. इनके द्वारा मुझे धमकाते हुए बोला गया कि 3-4 दिन में मकान खाली कर के सामान निकाल लेना नहीं तो सामानों के नामोनिशान भी नहीं मिलेगें. मैंने पुछा मेरे मकान को क्यों तोड़ा जा रहा है ? क्या कारण है ? जबकि मकान 30-40 वर्षों से यहां पर बना हुआ है.
पंचायत ने दे रखा है पट्टा
यह जगह पंचायत समिति बारां के अधीन आती थी, जिसका पंचायत द्वारा पट्टा जारी कर रखा है. मैंने मौके पर कागज बताना चाहा, लेकिन मेरा कोई कागज नहीं देखा और बोला की तेरी भलाई इसी में है कि 3-4 दिन में मकान खाली कर दे, नहीं तो जमीन पर सामान का नामोनिशान नहीं मिलेगा.
'नेता गिरी करना बन्द कर और मकान खाली कर दे'
पीड़ित ने आगे बताया कि मेरे मकान को 21-12-2020 को 500रु स्टाम्प पर नौटेरी बृजमोहन मेहरा से 4,00,000 रू, में खरीदा है. मैं नगर परिषद के वार्ड पार्षद प्रदीप, विजय और पार्षद शिवशंकर यादव के साथ मेरे कागज लेकर अधिकारी भुवनेश मीणा से मिला लेकिन, उनके द्वारा बोला गया कि नेता गिरी करना बन्द कर और मकान खाली कर दे.
न्याय नहीं मिला तो कर लूंगा आत्महत्या
साथ ही पीड़ित ने बताया कि यदि मुझे नगर परिषद से न्याय नहीं मिलता है, तो मैं परिवार सहित नगर परिषद के सामने आत्महत्या कर लूंगा. गौरतलब है कि नगर परिषद का मामना है कि मकान चरागाह भूमि में बना हुआ है.