
Rajasthan News: राजस्थान में अजमेर जिले की साइबर थाना पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए साइबर ठगों को खाता देने वाले खाताधारक को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देशन में हुई. आरोपी के बैंक खातों में 70 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन पाया गया है. यह खबर साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को सतर्क करने वाली है.
महिला कर्मचारी को फर्जी कॉल से ठगा
जानकारी के अनुसार, 26 सितंबर 202ACB Action: प्रिंसिपल ने की थी 6000 रुपये रिश्वत की डिमांड... 5000 में डील तय, एसीबी ने रंगे हाथ दबोचा4 को मेयो कॉलेज में कार्यरत गार्गी दास ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने फोन पर खुद को मुंबई पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर उनसे संपर्क किया. ठग ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाया और वॉट्सऐप पर फर्जी दस्तावेज भेजकर धमकाया. डर के मारे गार्गी ने अपने कई बैंक खातों से 12,80,842 रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए.
पुलिस ने बनाई विशेष जांच टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी वंदिता राणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु और सीओ हनुमान सिंह ने एक विशेष टीम गठित की. जांच में पता चला कि ठगी की रकम बाड़मेर निवासी 23 वर्षीय जुंजाराम उर्फ जीतू के खातों में गई. पुलिस ने जयपुर से जीतू को गिरफ्तार कर लिया. उसने अपने दस्तावेज और खाते साइबर ठगों को दिए थे, जिनका उपयोग ठगी के लिए किया गया. आरोपी ने खातों से नकद निकासी भी की.
तीन आरोपी अब तक हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. साइबर थाना पुलिस का कहना है कि ठगों को खाते उपलब्ध कराना भी गंभीर अपराध है, जिसके लिए सख्त सजा हो सकती है. जांच अभी जारी है और पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है.
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