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MDSU यूनिवर्सिटी के रिजल्ट में गड़बड़ी, बिना कॉपी जांचे निकाला परिणाम; रिचेकिंग में घोटाले का खुलासा

राजस्थान के अजमेर में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एमएससी मैथेमेटिक्स प्रथम सेमेस्टर के परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगा है. करीब 400 छात्रों ने कॉपियों की जांच में लापरवाही का दावा किया.

MDSU यूनिवर्सिटी के रिजल्ट में गड़बड़ी, बिना कॉपी जांचे निकाला परिणाम; रिचेकिंग में घोटाले का खुलासा
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एमएससी मैथेमेटिक्स प्रथम सेमेस्टर के परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगा है.

Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर जिले की महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (एमडीएसयू) अजमेर में एमएससी मैथेमेटिक्स प्रथम सेमेस्टर के परिणामों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. करीब 400 छात्रों ने परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने कॉपियों की जांच में भारी लापरवाही बरती, जिससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. रिचेकिंग में सामने आई सच्चाई ने छात्रों के गुस्से को और भड़का दिया है.

कॉपियों की जांच में लापरवाही

छात्रों का दावा है कि दिसंबर 2024 में होने वाली परीक्षा 2025 में आयोजित हुई और 14 सितंबर 2025 को परिणाम घोषित किया गया. लेकिन परिणाम देखकर छात्र हैरान रह गए. कई छात्रों को अमूर्त बीजगणित, समिश्र विश्लेषण, टेंसर, मेट्रिक स्पेस और विशिष्ट फलन जैसे विषयों में जीरो या एक नंबर दिए गए.

रिचेकिंग के लिए 300 रुपये प्रति विषय शुल्क देकर कॉपियां दोबारा जांच के लिए दी गईं. रिचेकिंग में बड़ा खुलासा हुआ. 90% कॉपियों में लाल पेन का निशान तक नहीं था, यानी कॉपियां जांची ही नहीं गई थीं. रिचेकिंग में कई छात्रों के नंबर 0 से बढ़कर 35 से 50 तक हो गए.

 नंबरों में भारी बदलाव

छात्रा निकिता चौधरी ने बताया कि उन्हें चार विषयों में फेल कर दिया गया था, लेकिन रिचेकिंग में एक विषय में 24 की जगह 56 और दूसरे में 20 की जगह 54 नंबर मिले. इसी तरह निशा रावत ने कहा कि जिस विषय में उन्हें 70-80 नंबर की उम्मीद थी, वहां 22 नंबर दिए गए और रिचेकिंग में भी “नो चेंज” दिखाया गया. छात्रों का कहना है कि नियमों के मुताबिक सिर्फ दो विषयों की रिचेकिंग हो सकती है, लेकिन बाकी विषयों में भी ऐसी ही गड़बड़ी है.

भविष्य से खिलवाड़

छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल गोदारा ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और कोऑर्डिनेटर ने कॉपियों की जांच में लापरवाही बरती. गोदारा कुछ छात्रों के साथ कुलपति से मिलने गए, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया और ताला लगा दिया. गोदारा ने मांग की कि कॉपियों की जांच प्रक्रिया की पारदर्शी जांच हो और इसके लिए राज्यपाल को कमेटी बनानी चाहिए.

आंदोलन की चेतावनी

छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय का यह रवैया उनके भविष्य को खतरे में डाल रहा है.

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