
Chinese Manjha News: देशभर में मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है. समस्त भारतवासियों में इस पर्व को लेकर लोगों में उत्साह हैं. टोंक समेत पूरे राजस्थान में इस दिन जबरदस्त पंतगबाजी की जाती है. शहर में इन दिनों पतंग और चाइनीज मांझे की मांग जोरों पर है. मगर यह धागा लोगों के जीवन की डोर को कमजोर कर रहा है.
खतरनाक है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा काफी खतरनाक होता है. यह हाथों से टूटता भी नहीं है और पतंग काटने में सबसे अच्छा माना जाता है. मगर यह पक्षियों के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही इंसानों के लिए भी खतरनाक माना जाता है. अतीत में इसके कारण कई हादसे सामने आये है. इस मांझे को नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर बनाया जाता है. जिसमे कांच और लोहे को पीसकर व पोलिश कर धार लगाई जाती है. यह मांझा प्लास्टिक धागे जैसा दिखता है. और इसको खींचने पर यह मांझा टूटने की जगह बड़ जाता है.

मकर संक्रांति आते ही पतंग बेचने वालों के यहां उमड़ी भीड़
चाइनीज मांझा क्यों किया गया है बैन
चाइनीज मांझा देश के अधिकांश प्रदेशों में बैन है. इससे हर साल सैंकड़ों लोगों की जान चली जाती है, वहीं हजारों की संख्या में लोग घायल हो जाते हैं. लोगों को इसकी बजाय सूती मांझे का प्रयोग करना चाहिए. देश के कई हिस्सों में चाइनीज मांझा बैन है. कई लोगों तो इसके पीछे की वजह चीन और भारत के रिश्ते को भी बताते हैं.
हर साल होते हैं हादसे
हिन्दू धर्म में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का देश में बड़ा महत्व है. इस त्योहार पर दानपुण्य के साथ ही पतंगबाजी को लेकर भी राजस्थान में युवाओं और बच्चों में ख़ासा उत्साह देखने को मिलता है. लेकिन त्योहार की खुशियों के बीच पिछले कुछ सालों में पतंगबाजी में चाइनीज मांझे के प्रयोग के चलते कई हादसे भी सामने आये है.
इंसानों और पक्षियों के लिए बना मुसीबत
चाइनीज मांझा न सिर्फ पक्षियों के लिए ही खतरनाक है बल्कि इसके प्रयोग से इंसानों के साथ भी कई हादसे सामने आते रहते है. मकर संक्रांति पर यह हादसे बड़ी संख्या में देखने को मिलते है. क्यों कि त्योहार की खुशियों कई राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन जाती है.
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