
Health News: आयुर्वेद में अश्वगंधा को रसायन औषधि माना गया है. यह शरीर के सातों धातुओं – रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र – को पोषण देता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को पोषण देते हैं और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करते हैं. पुरुषों और महिलाओं के लिए खास फायदे पुरुषों में अश्वगंधा शुक्रधातु को पोषण देता है, जिससे स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या बढ़ती है. यह जड़ी-बूटी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करती है. यह ऊर्जा बढ़ाने, रोगों से लड़ने की ताकत और जीवन शक्ति को बनाए रखने में मदद करती है.
तनाव और अनिद्रा का प्राकृतिक उपाय
आधुनिक जीवन की भागदौड़ में तनाव और नींद की कमी आम समस्या है. अश्वगंधा एक बेहतरीन मानसिक टॉनिक है. यह तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को कम करता है और दिमाग को शांत रखता है. रात को नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह रामबाण है. गुनगुने दूध के साथ इसका सेवन नींद को गहरा और सुकून भरा बनाता है.
शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति का वरदान
अश्वगंधा को बल्य औषधि कहा जाता है. यह मांसपेशियों को मजबूत करता है, थकान दूर करता है और शरीर की सहनशक्ति बढ़ाता है. जिम जाने वाले या खिलाड़ी इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं. यह स्टैमिना बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखता है.
रोगों से लड़ने की ताकत
यह जड़ी-बूटी शरीर का ओज यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. नियमित सेवन से बैक्टीरिया, वायरस और अन्य संक्रमणों से बचाव होता है. महिलाओं में यह मासिक धर्म की अनियमितताओं को ठीक करता है. यह दोनों के लिए यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है.
कैसे करें सेवन, क्या है सावधानी
रात को गुनगुने दूध के साथ अश्वगंधा पाउडर लेना सबसे अच्छा है. लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन आलस्य बढ़ा सकता है. गर्भवती महिलाएं, बीपी या थायराइड के मरीज बिना आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के इसका उपयोग न करें.
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