
राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बुधवार 15 अक्टूबर को कई जगहों पर भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया. एसीबी ने जयपुर में इनकम टैक्स विभाग के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया. वहीं कोटा में एसीबी ने एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ में लिया. इसके अलावा एसीबी ने अलवर में भी एक बड़ी कार्रवाई की और एक एएसआई को गिरफ्तार किया.
अलवर में ASI को किया ट्रैप
एसीबी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कोतवाली थाने के एएसआई कन्हैया लाल को 1 लाख 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. एसीबी टीम ने उसके साथ एक दलाल मजलिस को भी ट्रैप किया है.
जानकारी के अनुसार एएसआई ने एक व्यक्ति से उसके मुकदमे में एफआईआर लगाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी. इसकी उस व्यक्ति ने एसीबी से शिकायत कर दी. इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और तय राशि लेते ही एएसआई और दलाल दोनों को पकड़ लिया.
एसीबी की कार्रवाई की पुष्टि एसीबी के एडिशनल एसपी महेंद्र मीणा ने की. मीणा ने बताया कि आरोपी एएसआई को एसीबी कार्यालय में लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है. साथ ही इस मामले में दलाल मजलिस की भूमिका की भी जांच की जा रही है. एसीबी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

पटवारी प्रधान चौधरी
पटवारी रंगे हाथ गिरफ्तार
बुधवार को एसीबी ने एक और मामले में कोटा जिले में पटवार हल्का कैथुदा के पटवारी प्रधान चौधरी को 45 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. चौधरी के खिलाफ एक व्यक्ति ने शिकायत की थी. उसने बताया था कि उसने अपने तथा अपने परिजनों के नाम दर्ज कृषि भूमि की पैमाइश करवाने के लिए अर्जी दी थी. उसने यह अर्जी उप तहसील कार्यालय खातौली में दी थी. लेकिन उसकी अर्जी को पटवारी ने कई दिनों तक लंबित रखा और फिर 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की.
ACB Action: मिठाई के पैकेट में 45 हजार की रिश्वत ले रहा था पटवारी, तभी ACB ने किया ट्रैप

जयपुर में इनकम टैक्स विभाग का MTS 10000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
जयपुर में एमटीएस को किया ट्रैप
एसीबी टीम ने एक अन्य मामले में जयपुर में आयकर विभाग में एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) के रूप में कार्यरत विष्णु पारीक को कथित रूप से 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.एसीबी को शिकायत मिली थी कि साकेत जेम्स नामक फर्म के आयकर रिटर्न वर्ष 2014-15 के आयकर अपीलीय अधिकरण न्यायपीठ जयपुर द्वारा दिये गये फैसले में परिवादी के करीब 58 लाख रुपये आयकर विभाग को लौटाने का आदेश जून 2024 में दिये. इस पर आयकर विभाग द्वारा परिवादी को करीब 40 लाख रूपये रिटर्न किए थे. बाकी शेष रुपये दिलाने के एवज में आरोपी विष्णु पारीक 15000 रुपये रिश्वत की राशि की मांग कर रहा था.