
Rajasthan News: शहरवासियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. एक ओर जहां बदबूदार और पीले रंग के गंदे पानी की आपूर्ति ने लोगों को बीमारियों के खतरे में डाल रखा है, वहीं दूसरी ओर बार-बार हो रही बिजली कटौती ने गर्मी में जीना मुश्किल कर दिया है. इसी बीच सोमवार को कागदी बांध से मरे हुए अजगर की तस्वीरें सामने आने के बाद शहर में हड़कंप मच गया. यह वही जलस्रोत है, जहां से पूरे शहर को पीने का पानी सप्लाई किया जाता है.
गंदे पानी पर बढ़ा विवाद, अधिकारी बोलें- 'सब ठीक है'
पिछले कई दिनों से शहर के विभिन्न मोहल्लों से बदबूदार और पीले पानी की शिकायतें सामने आ रही थीं. NDTV ने भी इस गंभीर लापरवाही को उजागर किया. जलदाय विभाग के अधिकारी हरिकृष्ण मीणा ने इसे सामान्य बताते हुए पानी में ठहराव और ऑक्सीजन की कमी को कारण बताया. लेकिन मरे हुए अजगर की मौजूदगी ने विभाग की सफाई को सवालों के घेरे में ला दिया है.
बिजली संकट से भी नहीं मिल रही राहत
लोधा जीएसएस पर दो दिन पहले ट्रांसफॉर्मर ब्लास्ट होने के बाद से शहर के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी. उसके बाद से अब तक शहर और ग्रामीण क्षेत्र लगातार बिजली संकट झेल रहे हैं. अघोषित कटौती से लोग भीषण गर्मी में बेहाल हैं. गांवों में तो हालत और भी गंभीर हैं, जहां कई इलाकों में कई दिनों से बिजली पहुंची ही नहीं.
कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपकर जताया विरोध
इन समस्याओं को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की नगर कार्यकारिणी ने सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में दूषित जलापूर्ति व अघोषित बिजली कटौती पर तत्काल ठोस कार्रवाई की मांग की गई. प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष रमेश पंड्या, नगर अध्यक्ष धर्मेन्द्र तेली, पार्षद चंदा सिंता डामोर, देवबाला राठौड़, सुरेश कलाल, रितेश जैन सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे.
कोर्ट तक पहुंचा मामला
वरिष्ठ पर्यावरणविद् विकेश मेहता ने बताया कि शहरवासियों को संक्रमित पानी पिलाने के मामले में जलदाय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उन्होंने कहा कि इस तरह का दूषित पानी पीने से लोगों में पेट संबंधी बीमारियों से लेकर गंभीर संक्रमण तक फैलने का खतरा है.
महिलाओं में ज्यादा आक्रोश
शहर की महिलाओं ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए जलदाय विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया. मूलभूत सुविधाओं की यह बदहाल स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही उजागर करती है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य और जीवन के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है.
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