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This Article is From Dec 07, 2023

राजस्थान भाजपा में बाड़ेबंदी की चर्चा, रिसॉर्ट पहुंचकर BJP नेता ने विधायक बेटे को कराया मुक्त

Rajasthan CM Race: राजस्थान में मुख्यमंत्री के चयन के लिए बैठकों का दौर जारी है. इस बीच भाजपा विधायकों के बाड़ेबंदी की एक खबर सामने आई है. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष ने बाड़ेबंदी से इंकार किया है. लेकिन दूसरी ओर पार्टी के ही एक विधायक और उनके पिता ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया है.

राजस्थान भाजपा में बाड़ेबंदी की चर्चा, रिसॉर्ट पहुंचकर BJP नेता ने विधायक बेटे को कराया मुक्त
बारां जिले की किशनगंज सीट से विधायक बने ललित मीणा और उनके पिता हेमराज मीणा.

Rajasthan CM Race: राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा में मंथन का दौर जारी है. 3 दिसंबर को स्पष्ट बहुमत के साथ जनादेश मिलने के चार दिन बाद भी भाजपा सीएम फेस का चयन नहीं कर सकी है. नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जयपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है. फिलहाल राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री की रेस में भाजपा के 7-8 नेताओं के नाम की चर्चा चल रही है. इस बीच गुरुवार को विधायकों की बाड़ेबंदी की कहानी भी सामने आई. राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के चयन से पूर्व निर्वाचित विधायकों को अपने साथ रखने की चाहत के साथ बाड़ेबंदी की गई.

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने बाड़ेबंदी की बात को नकारा है. उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई बाड़ेबंदी नहीं है. सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में हैं. विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर सभी जयपुर आएंगे. जहां सीएम का चयन होगा. 

लेकिन सीपी जोशी के बयान से इतर भाजपा के पूर्व और मौजूदा विधायक ने जो सनसनीखेज खुलासा किया उससे बाड़ेबंदी की बात सच होती नजर आ रही है. भाजपा में बाड़ेबंदी से संबंधित यह खुलासा किशनगंज के भाजपा विधायक ललित मीणा और उनके पिता पूर्व विधायक सह भाजपा नेता हेमराज मीणा ने किया है. 

सीकर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में रुके से 5-6 विधायक

बताया गया कि मंगलवार देर रात भाजपा के कोटा संभाग के पांच-छह विधायक सीकर रोड स्थित एक रिसोर्ट में रुके हुए थे. इन विधायकों ने रात में ही बहरोड़ जाने का प्लान बनाया. लेकिन यह बात वही पर मौजूद एक नये विधायक को अखर गयी जिसके बाद उस विधायक ने दूसरे विधायकों को कहा कि ये बात वो अपने पिता को बता देंगे. फिर बहरोड़ जाने की बात का विरोध कर रहे विधायक अपने कमरे से बाहर आए और पूरी बात अपने पिता और संगठन से जुड़े नेताओं को फ़ोन कर बताया. 

पिता और भाजपा के संगठन से जुड़े नेताओं को फोन मिलाने वाले भाजपा के विधायक ललित मीणा थे. ललित मीणा बारां जिले की किशनगंज सीट से चुनाव जीते हैं. ललित इससे पहले भी 2013 में विधायक बने थे. उनके पिता हेमराज मीणा भी दो बार विधायक रह चुके हैं. 

भाजपा नेताओं में हाथापाई तक की आई नौबत 

बताया जाता है कि सीकर रोड स्थित रिसॉर्ट से बहरोड़ शिफ्ट होने की प्लानिंग लीक होते ही भाजपा नेताओं में हड़बड़ी हो गई. कुछ नेताओ को तुरंत उस रिसॉर्ट में भेजा गया. ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा भी रिसॉर्ट पहुंचे. जहां नेताओं में हाथापाई की नौबत तक आ गई थी. उसके बाद सुबह 4 बजे उन विधायकों को निकाला गया. बताया जा रहा है ये सब प्रदेश के किसी बड़े नेता के कहने पर हुआ था. 

वसुंधरा के बेटे दुष्यंत ने बाड़ेबंदी के आरोपों को सिरे से किया खारिज

इधर कई रिपोर्ट में भाजपा में बांड़ेबंदी के पीछे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सांसद बेटे दुष्यंत का नाम सामने आया. लेकिन जब NDTV ने इस मामले में दुष्यंत से बात की तो उन्होंने इससे साफ इंकार किया. दुष्यंत ने कहा मैं दिल्ली में हूं. बाड़ेबंदी जैसी कोई बात नहीं है. किसी भी विधायक को मैंने कही आने-जाने के लिए नहीं कहा था.   

ललित मीणा दूसरी बार बने हैं विधायक, पिता भी दो रह चुके MLA

उल्लेखनीय हो कि बारां जिले कि किशनगंज विधानसभा से ललित मीणा दो बार विधायक बने हैं. पहला चुनाव ललित मीणा ने 2013 में भाजपा से लड़ा और जीते थे. उसके बाद 2018 मे भाजपा से ही चुनाव लड़े व हार गये। इस बार 2023 मे फिर भाजपा से चुनाव लड़े व लगभग 22000 वोटों से जीत दर्ज की.

ललित मीणा आईएएस की तैयारी कर रहे थे. भाजपा ने ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा का टिकट काटते हुए आनन-फानन में ललित मीणा को टिकट दे दिया व वो जीत गए. 2013 में ललित मीणा भाजपा से विधायक बने, विधायक रहते ही उनका विवाह हुआ उनकी पत्नी का नाम भावना है जो कि बारां राजकीय महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर राजकीय सेवा में है. 

दूसरी ओर ललित के पिता हेमराज मीणा भाजपा से पहली बार 1985 मे चुनाव लड़े व हार गए. दूसरी बार भाजपा से 1990 मे चुनाव लड़े व जीते. तीसरी बार 1993 मे भाजपा से चुनाव लड़े व हार गए. 1998 में भी चुनाव लड़े व हार गए. 2003 में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते.

जब सतीश पुनिया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने तब इन्हें भाजपा प्रदेश उपाध्याय बनाया गया. इसी दौरान  एसटी संघ प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. फिलहाल भाजपा ने इन्हें चुनावों में भरतपुर सम्भाग प्रभारी बनाया था.

यह भी पढ़ें - Analysis: मुख्यमंत्री चेहरे के लिए वसुंधरा राजे के अलावा भाजपा के पास ज़्यादा विकल्प नहीं!
 

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