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रिजल्ट से पहले फिर देव दर्शन पर निकलीं वसुंधरा, बाला जी के साथ-साथ जयपुर के आराध्य मोती डूंगरी से लिया जीत का आशीर्वाद

Vasundhara Raje Rajasthan Result: राजस्थान के चुनावी नतीजों से पहले शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सड़क मार्ग से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दरबार में पहुंचीं. रास्ते में जगह-जगह भाजपाई कार्यकताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके बाद वो जयपुर में मोती डूंगरी मंदिर पहुंची. जहां भगवान गजानन की पूजा की.

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रिजल्ट से पहले फिर देव दर्शन पर निकलीं वसुंधरा, बाला जी के साथ-साथ जयपुर के आराध्य मोती डूंगरी से लिया जीत का आशीर्वाद
मोती डूंगरी मंदिर में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की शरण में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे.

Vasundhara Raje Dev Darshan Before Rajasthan Result: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे कल जारी होंगे. इस समय काउंटिंग की अंतिम दौर की तैयारियां चल रही है. दूसरी ओर रिजल्ट से पहले राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा नेता वसुंधरा राजे की सक्रियता काफी बढ़ चुकी है. शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र और आरएसएस ऑफिस में क्षेत्रीय संघ प्रचारक निम्बाराम से मुलाकात की. इस मुलाकात के कई सियासी संदेश निकाले जा रहे हैं. वहीं आज शनिवार को रिजल्ट से ठीक एक दिन पहले वसुंधरा राजे देव दर्शन पर निकलीं.

शनिवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने देव दर्शन की शुरुआत मेहंदीपुर बाला जी के दर्शन से की. वसुंधरा राजे ने मेहंदीपुर बाला जी मंदिर पहुंच कर बाला जी के दरबार में मत्था टेका. यहां महंत नरेशपुरी महाराज ने वसुंधरा राजे का स्वागत किया. मेहंदापुर बालाजी के दर्शन के पूर्व सीएम जयपुर के आराध्य मोती डूंगरी मंदिर में पहुंचीं. वहां उन्होंने प्रथम पूज्य गणपति की पूजा-अर्चना कर जी का आशीर्वाद मांगा. 

वसुंधरा राजे सड़क मार्ग से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दरबार में पहुंचीं. रास्ते में जगह-जगह भाजपाई कार्यकताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके बाद वो जयपुर में मोती डूंगरी मंदिर पहुंची. जहां भगवान गजानन की पूजा की. वसुंधरा ने सोशल मीडिया मंच पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "आज जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर में एकदंत भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की. जय हो गणेश"!

जयपुर के आराध्य हैं मोती डूंगरी वाले गजानन

मालूम हो कि जयपुर स्थित मोती डूंगरी वाले गजानन राजधानी के आराध्य हैं. हर बड़े मौके पर यहां राजनेता, बड़े अधिकारियों, पूर्व के राजघरानों के सदस्य पहुंचते रहते हैं. कहा जाता है कि राज्य में चुनावी जीत के बाद नेता और तबादले पर जयपुर पहुंचे अधिकारी सबसे पहले मोती डूंगरी पहुंचकर भगवान गणेश की पूजा कर अपना कार्यभार शुरू करते हैं. ऐसे में नतीजों से पहले वसुंधरा का यहां पहुंचना कई सियासी संकेत दे रहा है. वसुंधरा की बढ़ी हुई सक्रियता से भाजपा के एक खेमे में उत्साह तो दूसरी ओर एक खेमे में सन्नाटा भी पसरा है. 

वसुंधरा की सक्रियता के मायने 

दरअसल राजस्थान के रिजल्ट से पहले गुरुवार को जारी विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल में भाजपा को सत्ता में वापस आने की बात कही गई है. गुरुवार को जारी 10 एग्जिट पोल में से 7 ने राजस्थान में भाजपा की सत्ता में वापसी की संभावना जताई है, वहीं तीन ने कांग्रेस को बढ़त दिखाया है. एग्जिट पोल की रिपोर्ट आने के बाद से प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी है. पार्टी के बड़े नेताओं ने भी स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है. जिसके बाद वसुंधरा की बढ़ी सक्रियता खुद कई संकेत दे रही है. इतना तय है कि वसुंधरा अभी से सीएम चेयर पर अपनी दावेदारी जता रही हैं.

सभी समुदायों में वसुंधरा की गहरी पैठ 

वसुंधरा राजे दो बार राज्य की सत्ता संभाल चुकी है. उनके पास सत्ता संभालने के अनुभव के साथ-साथ प्रदेश के सभी समुदायों का समर्थन भी है. चुनाव से पहले उन्हें भले ही साइडलाइन किए जाने की चर्चा चली थी. लेकिन कुछ ही दिनों बाद वसुंधरा ने पूरे प्रचार अभियान की कमान संभाल ली. राजे ने रणनीतिक रूप से ग्रामीण राजस्थान, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, उच्च महिला मतदान प्रतिशत और विभिन्न जातियों में एक शानदार अपील से समर्थन हासिल किया.

इस चुनाव में ग्रामीण मतदान प्रतिशत 75.78 था जो शहरी केंद्रों की तुलना में लगभग 5% अधिक है. ग्रामीण मतदान प्रतिशत बढ़ने के पीछे भी राजे की अपील को कारण बताया जा रहा है. राजे ने बांसवाड़ा में सक्रिय रूप से प्रचार किया, वहां 88% से अधिक मतदान हुआ.

भाजपा को ग्रामीण राजस्थान में एससी और एसटी समुदाय के प्रभुत्व वाली लगभग 60 सीटों पर महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि उन्हें उम्मीद है कि राजे ने उन चुनिंदा निर्वाचन क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाला है जहां उन्होंने उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार किया था।

सीएम पद की दावेदारी

इसके अलावा 74.7% मतदान के साथ महिलाएं पुरुषों से आगे निकल गई हैं. चुनावी परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रही हैं. 199 निर्वाचन क्षेत्रों में से 86 में महिलाओं ने और भी अधिक संख्या में मतदान किया. जो कि भाजपा के लिए रणनीतिक बढ़त का संकेत है. राजस्थान की 36 जातियों में राजे की व्यापक अपील भी विविध मतदाताओं को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नतीजे पक्ष में आने पर महारानी सीएम फेस पर अपनी पूरी दावेदारी जताएगी.

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