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Rajasthan Politics: गहलोत राज में बने राजस्थान के 9 जिले समाप्त किए जाने पर क्यों चुप हैं सचिन पायलट, कैसे सफल होगा कांग्रेस का आंदोलन

Rajasthan Districts Politics: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने पिछली सरकार में गठित 9 जिले और 3 संभाग को समाप्त कर दिया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन के रास्ते पर है. लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता सचिन पायलट अभी तक चुप हैं.

Rajasthan Politics: गहलोत राज में बने राजस्थान के 9 जिले समाप्त किए जाने पर क्यों चुप हैं सचिन पायलट, कैसे सफल होगा कांग्रेस का आंदोलन
सचिन पायलट और अशोक गहलोत.

Sachin Pilot News: सचिन पायलट की गिनती राजस्थान में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में होती है. पायलट राजस्थान में जहां भी जाए, उन्हें देखने और उनकी बातें सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुट जाती है. पायलट राजस्थान के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अभी कांग्रेस में एआईसीसी सचिव हैं. जनहित से जुड़े मुद्दों पर पायलट की राय पार्टी के साथ-साथ सत्ता पक्ष के लोग भी सुनते हैं. लेकिन बीते दिनों राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत राज में बनाए गए 9 जिले और तीन संभाग को समाप्त किए जाने के फैसले पर  सचिन पायलट ने अभी तक चुप्पी साध रखी है. 

जिले समाप्त होने के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन के रास्ते पर

भजनलाल सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन के रास्ते पर हैं. राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पोस्ट के साथ-साथ पीसी के जरिए इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इन नेताओं ने भजनलाल सरकार के जिले समाप्त करने के फैसले को जनविरोधी बताया और सड़क से सदन तक सरकार को घेरने की बात कही. 

लेकिन सचिन पायलट ने अभी तक इस मुद्दे पर न तो कोई प्रतिक्रिया दी और ना ही कहीं किसी मीडिया से बात करते हुए अपना कोई बयान ही दिया. पायलट की इस चु्प्पी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. 

पूरा कांग्रेस विरोध में लेकिन पायलट ने साध रखी है चुप्पी

आखिर भजनलाल सरकार के जिस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन की तैयारी कर रही है, उसमें पायलट चुप क्यों हैं? यह वो सवाल है, जिसका जवाब जानना तो हर कोई चाहता है. लेकिन अभी तक इसका जवाब किसी के पास नहीं है. जब तक इस मुद्दे पर पायलट खुद से सामने आकर कुछ नहीं बोलते, जब तक कयासबाजी होती रहेगी. 

जानकार बोले- जिलों के गठन के समय भी पायलट साइडलाइन पर थे

जिले की राजनीति पर सचिन पायलट की चुप्पी को लेकर राजस्थान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि इन जिलों के गठन के समय भी पायलट से न तो कुछ पूछा गया था, ना ही उनकी राय मांगी गई थी. जिलों के गठन के समय हुई बैठक में भी सचिन पायलट शामिल नहीं थे. ऐसे में इस समय भी सचिन पायलट इस मामले में चुप है. 

गहलोत राज में बने राजस्थान में 9 जिले जो हुए समाप्त- दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले खत्म. इसके अलावा तीन संभाग बांसवाड़ा, सीकर और पाली भी खत्म.

गहलोत-पायलट खेमेबाजी भी एक बड़ी वजह

जानकार पायलट की चुप्पी के पीछे गहलोत-पायलट की खेमेबाजी और राजनीति को भी कारण बताते हैं. मालूम हो कि राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खेमेबाजी 2020 में खुलकर सामने आई थी. तब पायलट मानेसर में अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ पहुंच गए थे. बाद में आलाकमान के कहने पर मामला शांत हुआ लेकिन अंदरखाने की तल्खी अब भी है. 

जिलों के गठन पर पायलट तब भी दूर थे और अब भी दूर हैं

कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पिछली सरकार में जिलों के गठन की पूरी कवायत अशोक गहलोत के नेतृत्व में हुई थी. डोटासरा की मांग पर सीकर को संभाग बनाया गया था. सुखराम बिश्नोई की मांग पर सांचौर, रघु शर्मा के कहने पर केकड़ी सहित अन्य जिलों का गठन हुआ था. पायलट उस समय भी इस बड़े बदलाव से दूर थे और अब भी दूर है.

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