
Bhanwari Devi Muder Case: राजस्थान और पूरे देश में भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. 23 साल पहले हुए भंवरी देवी कांड में कई मोड़ आए. जबकि हत्याकांड मामले में दोषियों को सजा भी सुनाई गई है. लेकिन जोधपुर CMHO आज तक ANM भंवरी देवी को मृत मानने को तैयार नहीं है. वहीं जोधपुर हाई कोर्ट ने दो साल पहल ही भंवरी देवी के बेटे और बेटियों को पेंशन देने का आदेश जारी किया था. लेकिन अब तक पेंशन चालू नहीं किया गया है.
भंवरी देवी के बेटे साहिल पेमावत और दो बेटियों ने बीते 3 सितंबर 2025 को हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर किया. जिस पर 9 सितंबर को सुनवाई की गई. कोर्ट ने CMHO सहित अन्य जिम्मेदार लोगों को नोटिस जारी किया है और जवाब तलब किया है. वहीं कोर्ट ने जरूरी कागजात भी दाखिल करने को कहा है. CMHO के जवाब के बाद आगे की सुनवाई की तारीख तय की जाएगी.
अनुकंपा पर मिल चुकी है नौकरी
याचिका में बताया गया है कि भंवरी देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने का बहाना बनाकर पूरे मामले को अटका रखा है. जबकि तत्कालीन जोधपुर CMHO ने ही 16 जनवरी 2012 को आदेश जारी किया था और भंवरी देवी को मृत मानकर उसे सेवा से बाहर करने किया गया. जबकि चिकित्सा विभाग ने 28 फरवरी 2012 में ही अनुकंपा के तहत नौकरी के लिए भंवरी देवी के बेटे साहिल को नियुक्ति दे दी थी.
किसे-किसे भेजी गई नोटिस
हाइकोर्ट एकलपीठ के आदेश के 21 माह बीत जाने के बावजूद पेंशन परिलाभ नहीं दिये जाने पर पेश हुई अवमानना याचिका में हाइकोर्ट एकलपीठ ने जोधपुर सीएमएचओ डॉ सुरेन्द्र सिंह शेखावत सहित चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, निदेशक (अराजपत्रित), चिकित्सा निदेशालय राकेश कुमार शर्मा, पेंशन विभाग, एलआईसी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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